करछना प्रयागराज: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में करछना विधान सभा क्षेत्र भी लोगों की नजर में है। दरसल करछना विधान सभा सीट पर कई पंचवर्षीय से कब्जा रेवती रमण सिंह का रहा है। उसके बाद इनके पुत्र उज्वल रमण सिंह आ गए। समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा सदस्य बनाकर भेज दिया, यू कहें कि रेवती रमण सिंह का गढ़ कहा जाता है। करछना विधान सभा क्षेत्र जहां से वह सात बार विधायक रहे हैं। अब उनके बेटे उज्जवल रमण सिंह पिछले तीन चुनाव से इस सीट पर समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है। दो बार उन्हें हार भी मिली।
हालांकि यह भी सच है कि पिछले चुनाव 2017 में उन्होंने भाजपा की लहर के बावजूद करछना सीट से जीत हासिल की थी। अबकी क्या होगा, यह 10 मार्च को क्लियर हो पायेगा। गौरतलब है की रविवार को पांचवे चरण के मतदान के दौरान करछना विधानसभा क्षेत्र के तमाम बूथों पर सुबह से वोटरों की लंबी कतारे लग गई, जो उत्साह युवाओं में देखा गया। मतदान दोपहर में थोड़ा कम हुआ। बात करें पिछले चुनाव 2017 की तो यहां करीब 60 प्रतिशत मतदान पड़े थे। जिले की इस सीट पर राजनीतिक गुरुओं की नजर करछना विधान सभा सीट पर हैं। इसका कारण यह है कि राजनीतिक गुरु के बेटे उज्वल रमण सिंह समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी हैं। उनके पिता कुंवर रेवती रमण सिंह मौजूदा में राज्यसभा सांसद है जो करछना विधान सभा से सात बार विधायक व मंत्री रहे है। उनकी साख भी दांव पर लगी है। इस बार भी यानी 2022 विधान सभा चुनाव में कांटे की टक्कर भारतीय जनता पार्टी, निषाद पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी से है। 2017 में भी भाजपा से थी जब कि लहर में सपा के खाते में यह सीट आई थी। यही नही कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशी भी अपनी जीत बता रहे हैं। धर्मेंद्र पटेल, राजेश सिंह, रामचंद्र, आकाश भारतीय, राजेंद्र तिवारी, लवकुश सिंह ने बताया कि मतदान की रात में यह लग रहा था कि कितनी जल्दी रात खत्म हो मत स्थल पर पहुंचकर मतदान करने के बाद ही आगे कोई कार्य किया जाए। राजनीतिक चाणक्य का कहना है कि करछना विधानसभा में सपा, भाजपा और बसपा की कांटे की टक्कर है। मतदाता चुप है इससे अंदाजा कुछ भी नहीं लगाया जा सकता है कि किसकी विजय होगी। करछना विधानसभा पटेल बाहुल्य क्षेत्र है, 30% पटेल मतदा