मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ में शुक्रवार का दिन वन विभाग के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए काफी हैरान-परेशान करने वाला रहा. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को पहले रिहायशी इलाके में तेंदुआ के घुस आने की सूचना मिली. इसके बाद वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने में जुट गई. इसी बीच जंगल से भाग कर आए एक बारहसिंघे के एक घर में घुसने की सूचना मिली. टीम ने तत्काल ऑपरेशन बारहसिंघा (Operation Reindeer) चलाकर जंगली जानवर का जैसे-तैसे रेस्क्यू किया. इससे पहले तकरीबन 10 घंटे की मशक्कत के बाद वन विभाग (Forest Department) की टीम तेंदुए को पकड़ने में सफलता हासिल की थी. रिहायशी इलाकों में लगातार जंगली जानवरों के घुस आने से वन विभाग के साथ ही स्थानीय लोग भी हैरान-परेशान रहे. तेंदुआ और बारहसिंघा के पकड़ने जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.दरअसल, मेरठ के पल्लवपुरम के रिहायशी इलाके में एक तेंदुआ घुस आया था. वन विभाग की टीम ने तकरीबन 10 घंटे के ऑपरेशन के बाद तेंदुए को रेस्क्यू किया. वहीं, रोहटा क्षेत्र के कल्याणपुरी के पास एक बारहसिंघा मकान में जा घुसा.आसपास के लोगों ने इसकी सूचना थाना पुलिस को दी. वन विभाग के अधिकारियों को भी कॉल कर बुलाया गया. जैसे-तैसे ऑपरेशन बारहसिंघा चलाया गया और उसका भी रेस्क्यू किया गया. ग्रामीणों ने बताया कि कल्याणपुरी में घुसे बारहसिंघा का गली के कुत्ते पीछा कर रहे थे. कुत्ते से बचाव के दौरान ही बारहसिंघा जंगल से भागता हुआ गांव में जा घुसा.10 घंटे तक चला ऑपरेशन तेंदुआ
तकरीबन 10 घंटे के मैराथन प्रयास के बाद रिहायशी इलाके में दाखिल हुए तीन वर्ष के तेंदुए की जान वन विभाग ने बचाई. शुक्रवार सुबह मेरठ में उस वक्त खलबली मच गई थी, जब एक तेंदुए को पल्लवपुरम फेज़ टू में देखा गया. वन विभाग की टीम ने सुबह साढ़े आठ बजे ऑपरेशन तेंदुआ शुरू किया जो शाम 6 बजे तक चला. डीएफओ मेरठ राजेश कुमार ने बताया कि स्ट्रैटजिकल प्लानिंग के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. जिस स्थान पर तेंदुआ था, उसको पहले जाल से घेरा गया. फिर क्रेन मंगाई गई. स्पेशल डॉक्टर दिल्ली से बुलाए गए और फिर उसे ट्रैंकुलाइज़ किया गया.