प्रदीप बच्चन (ब्यूरो चीफ)
बलिया (यूपी) संपूर्ण देश से बाल विवाह को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से भारत सरकार की 100 दिन की विशेष कार्ययोजना से उत्साहित गैरसरकारी संगठन "नव भारतीय नारी विकास समिति" ने कहा कि वह बलिया को साल भर के भीतर बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम करेगा। पत्रकार अंकित गुप्ता नेजानकारी देते हुए हमारे वरिष्ठ संवाददाता-प्रदीप बच्चन को बताया कि ‘100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान’ जिसे बाल विवाह मुक्त भारत के एक वर्ष पूरे होने के मौके पर पूरे देश में शुरू किया गया है, ने एक लक्षित रणनीति तय की है। इसमें स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों, उन धार्मिक स्थलों जहां विवाह संपन्न कराए जाते हैं, विवाह में सेवाएं देने वाले पेशेवर सेवा प्रदाताओं, और आखिर में पंचायतों व नगरपालिका वार्डों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि बच्चों के खिलाफ इस सदियों पुराने अपराध का अंत सुनिश्चित किया जा सके। ...( नव भारतीय नारी विकास समिति देश में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का सहयोगी संगठन है। इसके 250 से भी अधिक सहयोगी संगठन देश के 451 जिलों में बाल विवाह के खात्मे के लिए जमीन पर काम कर रहे हैं। पिछले एक वर्ष में ही इस नेटवर्क ने देश में एक लाख से ज्यादा बाल विवाह रोके हैं। ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के 27 नवंबर को एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर नव भारतीय नारी विकास समिति ने स्कूलों, ग्रामीण समुदायों और अन्य संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम और दिनाँक 27 नवंबर 2025 दिन गुरुवार को बाल विवहा मुक्त भारत जागरूकता अभियान का शुभ आरभ पुलिस अधीक्षक द्वारा समय 11:00 Am एस।पी कार्यलेय के प्रागण से जागरूकता रध को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया इस कार्यकर्म मै AHTU प्रभारी , बाल कल्याण समिति ,मौजूद रहे पूरे जिले में जगह-जगह बाल विवाह के खिलाफ शपथ समारोह आयोजित किए। संगठन ने जनसमुदाय को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों के बारे में भी जागरूक किया और उन्हें समझाया कि कानून के अनुसार बाल विवाह में किसी भी तरह से शामिल होने या सहायता करने वालों जिसमें शादी में आए मेहमान, कैटरर्स, टेंट वाले, बैंड वाले, सजावट वाले या बाल विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहित, सभी को इस अपराध को बढ़ावा देने के जुर्म में सजा हो सकती है। पिछले कुछ वर्षों से कानून लागू करने वाली एजेंसियों व जिला प्रशासन के साथ करीबी समन्वय से काम करते हुए नव भारतीय नारी विकास समिति ने पिछले एक वर्ष में ही (150) बाल विवाह रुकवाए हैं।बाल विवाह के खिलाफ जारी अभियान को और गति व मजबूती देने वाली सरकार की इस घोषणा का स्वागत करते हुए नव भारतीय नारी विकास समिति के अज़हर अली ने कहा, “यह 100 दिवसीय गहन अभियान देश की दिशा बदलने वाला साबित होगा और हमें प्रधानमंत्री के विकसित भारत के लक्ष्य के करीब लाएगा। सदियों से हमारी बेटियों को अवसरों से वंचित किया गया है और विवाह के नाम पर उन्हें अत्याचार, शोषण और बलात्कार की ओर धकेला गया है। जन प्रतिनिधियों, सरकारी विभागों, कानून लागू करने वाली एजेंसियों और समुदायों का अभूतपूर्व तरीके से एक साथ आना, बाल विवाह के खात्मे के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता और प्रयासों को नई ऊर्जा व रफ्तार देगा। इस समन्वय और सामूहिक संकल्प से हम जिले को साल भर के भीतर बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रति आश्वस्त हैं और अब इस अपराध को छिपने के लिए कहीं भी जगह नहीं मिलेगी।”सौ दिन के इस गहन जागरूकता अभियान को तीन चरणों में बांटा गया है और इसका आखिरी चरण 8 मार्च 2026 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर समाप्त होगा। इसका पहला चरण 31 दिसंबर तक चलेगा जिसमें स्कूलों, कालेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में जागरूकता के प्रसार पर जोर रहेगा। एक जनवरी से 31 जनवरी के बीच दूसरे
चरण में मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे जैसे धार्मिक स्थलों पर जहां विवाह संपन्न कराए जाते हैं, बैंक्वेट हाल, और बैंड वालों जैसे विवाह में सेवाएं देने वालों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। तीसरा और आखिरी चरण 8 मार्च तक चलेगा। इसमें बाल विवाह की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायतों, नगरपालिका के वार्डों और समुदाय स्तरीय भागीदारी पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा।
