गोंडा। जिले के धानेपुर थाना क्षेत्र के बाबागंज इलाके में अवैध गांजा बिक्री का काला कारोबार जोरों पर है। एक स्थानीय दुकान पर खुलेआम गांजा बेचे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है,जिससे जिम्मेदार विभागों पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगे हैं। वीडियो में दुकानदार बिना किसी हिचकिचाहट के 100-150 रुपये प्रति पुड़िया के भाव से गांजा बिक्री करते हुए नजर आ रहा है। स्थानीय युवाओं का कहना है कि यह नशा उनका भविष्य बर्बाद कर रहा है, लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग की चुप्पी सवालिया घेरे में है। मामला धानेपुर थाना के अंतर्गत बाबागंज से जुड़ा है, जहां सरकारी भांग की दुकानों की आड़ में अवैध मादक पदार्थों का धंधा फल-फूल रहा है। वायरल वीडियो में दुकानदार ग्राहकों से नगद रूपए की मांग करता दिख रहा है, जबकि आसपास के लोग खुलकर खरीदारी करते नजर आते हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें स्थानीय निवासी पुलिस पर संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "यहां रोज सैकड़ों युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। थाने से महज कुछ किलोमीटर दूर यह सब हो रहा है, फिर भी कोई छापेमारी नहीं। लगता है, मासिक हफ्ता वसूली का खेल चल रहा है। "गोंडा जिले में अवैध गांजा कारोबार कोई नई समस्या नहीं है। बीते जुलाई 2025 में कोतवाली कर्नलगंज और थाना कटरा बाजार क्षेत्र में इसी तरह के वीडियो वायरल हुए थे, जहां हाईवे किनारे बस स्टैंड पर खुलेआम अवैध गांजा बिक्री का मामला सामने आया था। जून में मनकापुर कोतवाली के कुड़ासन बाजार की सरकारी भांग दुकान पर गांजा बेचने का वीडियो सुर्खियां बटोर चुका है। वहां दुकानदार बच्चाराम नामक व्यक्ति पर कार्रवाई के आदेश दिए गए थे, लेकिन मुख्य आपूर्तिकर्ता कानून के शिकंजे से बचा रह गया। जिला आबकारी अधिकारी प्रगल्भ लवानिया ने तब जांच का भरोसा दिलाया था, मगर दोहराए जा रहे मामलों से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बाराबंकी से जुड़े बड़े नेटवर्क के तहत गोंडा में यह सप्लाई चेन चल रही है। तरबगंज, रगड़गंज समेत दो दर्जन से अधिक स्थानों पर भांग दुकानों पर यह धंधा बड़े पैमाने पर पनप रहा है। युवा वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। नशे की लत से पढ़ाई-लिखाई छूट रही है, अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। एक स्थानीय शिक्षक ने कहा, "ये बच्चे हमारा भविष्य हैं। अगर इन्हें नशे की गिरफ्त में नहीं बचाया गया, तो पूरा समाज बर्बाद हो जाएगा। "सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर अब ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। भारत समाचार चैनल ने मंगलवार को इसकी पुष्टि करते हुए गोंडा पुलिस को टैग किया, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। वहीं आपकी आवाज यूपी 1 एक्स (ट्विटर अकाउंट) से भी डीजीपी, यूपी एक्साइज डिपार्टमेंट, यूपी पुलिस, एडीजी गोरखपुर, गोंडा पुलिस को टैग करके संज्ञान में लाया गया है। मामले में एसपी गोंडा और डीएम की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ विरोधी दिवस के बावजूद जागरूकता अभियान कागजी ही साबित हो रहे हैं।अब सवाल यह है कि आखिर इस काले कारोबार पर अंकुश क्यों नहीं लग रहा? क्या वाकई जिम्मेदार अधिकारी और पुलिस की मिलीभगत है, या नाकामी? अगर तत्काल छापेमारी और सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। स्थानीय लोग उच्चाधिकारियों से तुरंत हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। यह वायरल वीडियो प्रशासन के लिए घंटी है—समय रहते जागें, वरना सामाजिक विपदा निश्चित है।