स्वस्थ नारी, सशक्त परिवारः प्रदेश में गूँजा पोषण का संदेश।
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स्वस्थ नारी, सशक्त परिवारः प्रदेश में गूँजा पोषण का संदेश।


लखनऊ: 25 सितम्बर, 2025

महिला सशक्तिकरण समाज के सर्वांगीण विकास का आधार है और इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश में आठवां राष्ट्रीय पोषण माह तथा स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान का व्यापक स्तर पर आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान सीधे मिशन शक्ति के उद्देश्यों से जुड़ा हुआ है, जिसका लक्ष्य महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, आत्मनिर्भरता और निर्णयन प्रक्रिया में समान भागीदारी को सुनिश्चित करना है।

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं तथा किशोरियों को पोषण, स्वास्थ्य और जीवन कौशल के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। विभाग द्वारा संचालित अनुपूरक पुष्टाहार कार्यक्रम के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लाभार्थियों को पुष्टाहार के उत्पादन और वितरण से जोड़ा गया है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। इस पहल से उनके घर की आय में वृद्धि हुई है और समाज में उनकी स्थिति और सम्मान भी बढ़ा है।

गोरखपुर के विकास भवन सभागार में आयोजित पोषण पंचायत में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती चारु चौधरी द्वारा अध्यक्षता की गयी। इस अवसर पर उन्होंने विशाल पोषण रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में लगभग 200 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियाँ शामिल हुई। ढोल-नगाड़ों के साथ निकाली गई रैली ने राष्ट्रीय पोषण माह के संदेशों वाले नारों के माध्यम से आम जनमानस तक पोषण का संदेश पहुँचाया। कार्यक्रम के दौरान शिशुओं का अन्नप्राशन और महिलाओं की गोद भराई भी कराई गई, ताकि अभियान का संदेश समाज के विस्तृत तथा संवेदनशील वर्गों तक पहुँचे।

आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के बीच पोषण रेसिपी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें श्री अन्न आधारित व्यंजन प्रदर्शित किए गए। प्रतियोगिता का उद्देश्य स्थानीय, पोषक और सुलभ खाद्य विकल्पों को बढ़ावा देना था। इस दौरान आंवला और सहजन जैसे स्थानीय पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उपयोग संबंधी जानकारी साझा की गई और नमक व चीनी का कम प्रयोग करने का आह्वान किया गया। यूनिसेफ के सहयोग से जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पोषण क्विज प्रतियोगिता भी कराई गई, जिससे समुदाय की भागीदारी और जागरुकता में वृद्धि हुई।

श्रीमती चारु चौधरी ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और महिला समुदाय को उनके स्वास्थ्य, समाज में उनकी भूमिका और स्वावलंबन हेतु व्यावहारिक सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के तहत राज्य सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर और सम्मानित बनाना भी सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने राष्ट्रीय पोषण माह में आयोजित गतिविधियों की सराहना की और जनता से अपील की कि वे इन संदेशों को घर-घर तक पहुँचाकर प्रदेश को सुपोषित बनाने में सहयोग दें।

श्रीमती चारु चौधरी के अतिरिक्त जनपद गोंडा में महिला आयोग की सदस्य श्रीमती एकता सिंह, कासगंज में श्रीमती रेनू गौड़, जनपद रामपुर में श्रीमती सुनीता सैनी, मीरजापुर में नीलम प्रभात व राज्य महिला आयोग की सदस्याओं ने भी विभिन्न जनपदों में महिला गोष्ठियों और पोषण कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य मिशन शक्ति के संदेश-स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक स्वावलंबन और सामाजिक सम्मान को हर स्तर पर मजबूत बनाना है।

आईसीडीएस और राज्य स्तरीय साझेदारियों जैसे राज्य महिला आयोग, यूनिसेफ और स्वयं सहायता समूहों के समन्वित प्रयासों से पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक स्वावलम्बन को जोड़कर महिलाओं को सुरक्षित, आत्मविश्वासी और सशक्त नागरिक बनाने का मार्ग स्पष्ट हो रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह और स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के माध्यम से बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा मिशन शक्ति का संदेश अब घरों से लेकर गाँव-कस्बों तक पहुँचाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रदेश के विभिन्न में जनपदों में आयोजित कार्यक्रमों में राज्य महिला आयोग की सदस्यों ने महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओ की प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के जीवन स्तर को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका के विषय में बताया। विभाग के माध्यम से सुरक्षित मातृत्व, कन्या शिक्षा एवं पोषण, विधवाओं और पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास, आश्रय एवं संरक्षण, साथ ही महिला सुरक्षा और न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। महिला हेल्पलाइन, महिला थाने और आश्रय गृह जैसी व्यवस्थाएँ प्रतिदिन हज़ारों महिलाओं को सहयोग और सुरक्षा प्रदान कर रही हैं। इसी प्रकार महिलाओं की श्रम बल भागीदारी बढ़ाने तथा बच्चों के पालन-पोषण एवं पुनर्वास हेतु भी राज्य सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएँ लागू की हैं। इन प्रयासों से न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक संरचना को भी मज़बूती प्रदान हुई है।

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