प्रदीप बच्चन (ब्यूरो चीफ)
बलिया (यूपी) मनियर थाना क्षेत्र के बड़ा गांव एवं मुड़ियारी गांव में रामजीत बाबा के स्थान पर श्रावण मास के शुक्ल पक्ष के सप्तमी तिथि दिन बृहस्पतिवार को प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोगों ने दोनों स्थानों पर पहुंचकर दूध लावा चढ़ाया एवं अपने परिवार की कुशलता के लिए कामना की। लोगों का मानना है कि ग्राम असना के रामजी बाबा (सपहा बाबा) और मुड़ियारी गांव के रामजीत बाबा, रामू बाबा इन दोनों स्थानों पर सर्प के डंसा हुआ व्यक्ति अगर आ जाता है तो सर्प का विष उतर जाता है। मुड़ियारी गांव में रामजीत बाबा एवं रामू बाबा दोनों लोगों का स्थान है जहां हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष के सप्तमी तिथि को विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। लोगों का मानना है कि कुछ लोगों के शरीर पर रामजीत बाबा एवं रामू बाबा की आत्मा सवार होती है वे लोग खेलते हुए दूध के नाद में सर्प की भांति अपने सिर के बल, डुबकी लगाते हैं। उन्हें देखने के लिए काफी संख्या में भीड़ एकत्रित होती है। वहीं दूर-दूर से ग्रामीण गाजे-बाजे के साथ बड़े-बड़े बांस में ध्वज पताका बांधकर लाते हैं एवं दोनों स्थानों पर रख देते हैं। यह परंपरा सैकड़ो वर्ष पूर्व से चली आ रही है। मुड़ियारी के रामजीत बाबा एवं रामू बाबा के स्थान से ही मिट्टी लाकर मनियर थाना क्षेत्र के असना गांव एवं जिगनी बड़ागांव के बीच में पिंड स्थापित किया गया था। असना का स्थान का नाम रामजी बाबा एवं मुड़ियारी तथा जिगनी के स्थान का नाम रामजीत बाबा के नाम से प्रसिद्ध है।