इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के बीच मारपीट, दोनों घायल
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के बीच मारपीट, दोनों घायल

 


इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के अंग्रेजी विभाग में मंगलवार को एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमार पराग और विभागाध्यक्ष प्रो. एसके शर्मा के बीच मारपीट हुई। घटना में घायल हुए दोनों शिक्षकों को अस्पताल ले जाकर प्राथमिक उपचार कराया गया। इविवि प्रशासन ने मामले में आंतरिक जांच कराने का निर्णय लिया है। वहीं, दोनों पक्षों एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने के लिए कर्नलगंज थाने में तहरीर दी है। विभागाध्यक्ष व कार्य परिषद के सदस्य प्रो. सुशील कुमार शर्मा ने तहरीर में आरोप लगाया कि उन्होंने विभागीय कार्य व कुछ जानकारी के लिए डॉ. पराग को फोन करके बुलाया था। दोपहर 12 बजे वह कमरा नंबर-16 में पहुंचे। उनसे कुछ जानकारी मांगी तो वह अचानक उग्र हो गए और अपशब्द कहते हुए जान से मारने की धमकी दी। आरोप लगाया कि लोहे की रॉड से हमला किया। रोकने का प्रयास करने पर हाथ, सिर व सीने पर गंभीर चोटें आईं। जमीन पर गिराकर लात-घूसों से मारा। सोने की चेन और रुद्राक्ष की माला छीन ली। इसके बाद प्रो. शर्मा बेहोश होकर गिर पड़े और आंख खुली तो खुद को बेली अस्पताल में पाया। उनके पास विभाग के ही एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विवेक द्विवेदी व कुछ अन्य लोग खड़े थे। प्राथमिक उपचार के बाद स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल रेफर किया गया। जहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह देकर घर भेज दिया। डॉ. पराग ने लगाया उंगली तोड़ने का आरोप


वहीं, ऑटा की नई कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. कुमार पराग ने बताया कि वह उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के गोपनीय कार्य के लिए चार दिन की छुट्टी लेकर उत्तराखंड गए थे। तहरीर में आरोप लगाया कि उनकी छुट्टी के आवेदन पर बात करने के लिए विभागाध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार शर्मा ने उन्हें अपने चैंबर में बुलाया और असहमत होने पर अपशब्द कहने लगे। विरोध करने पर हाथ पकड़कर ऐंठने लगे और उंगली तोड़ दी।


शर्ट फाड़ दी व हत्या के इरादे से गर्दन दबाने लगे। उन्हें धक्का देकर डॉ. पराग किसी तरह चैंबर से बाहर निकले। डॉ. पराग के अनुसार, घटना के बाद सीधे इविवि के स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के लिए पहुंचे और इसके बाद बेली अस्पताल गए। आरोप है कि वहां प्रो. सुशील के उकसाने पर डॉ. विवेक कुमार द्विवेदी व डॉ. मृत्युंजय राव परमार ने आधा दर्जन लोगों ने लाठी-डंडे व रॉड से उन पर हमला कर दिया। अस्पताल का पर्चा भी फाड़ दिया। 112 नंबर पर कॉल करने पर पुलिस के पहुंचने के बाद उन्होंने एक निजी अस्पताल में इलाज कराया। उनकी उंगली में फ्रैक्चर है और घुटने व कोहनी में भी चोट आई है।


विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस संबंध में आंतरिक जांच कराई जाएगी। जांच के बाद विस्तृत जानकारी होने पर ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है। - प्रो. जया कपूर, पीआरओ, इविवि


इविवि प्रशासन के प्रतिनिधियों से बात की गई है। आंतरिक जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। - प्रदीप कुमार सिंह, थाना प्रभारी, कर्नलगंज


डॉ. पराग के साथ बेली अस्पताल में नहीं हुई मारपीट : डॉ. मृत्युंजय


अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मृत्युंजय राव परमार का कहना है कि इविवि में हुई घटना के बाद दोनों ही शिक्षकों को उन्होंने और कुछ अन्य शिक्षकों व छात्रों ने बेली अस्पताल पहुंचाया। डॉ. पराग के साथ अस्पताल में कोई मारपीट नहीं की गई। आरोप बेबुनियाद है।

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