गोंडा। भ्रष्टाचार, सत्ता के दुरुपयोग और स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक अनियमितताओं के आरोपों से घिरी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा का 41 महीनों बाद तबादला कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश शासन ने उन्हें संयुक्त निदेशक, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (लखनऊ) पद पर भेजा है। उनके स्थान पर सिद्धार्थनगर के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. संतलाल पटेल को गोंडा का नया सीएमओ नियुक्त किया गया है। उत्तर प्रदेश चिकित्सा अनुभाग-2 की सचिव रितु माहेश्वरी के डिजिटल हस्ताक्षर से 28 नवंबर 2025 को जारी आदेश में दोनों अधिकारियों को तुरंत कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. वर्मा पर आरोपों की लंबी सूची
जुलाई 2022 से तैनाती के बाद से ही उन पर करोड़ों के दवा खरीद घोटाले, एनआरएचएम फर्जी बिल, आयुष डॉक्टरों की संविदा भर्ती में पक्षपात, स्टाफ कमी और मरीजों की अनदेखी जैसी शिकायतें लगातार दर्ज होती रहीं। सोशल मीडिया पर उनका विवादित बयान— “एक बच्चा मर गया तो सब आ गए, हजार जिंदा हैं लड्डू खाने जाइए”—भी जमकर चर्चा में रहा। सातों विधानसभा के विधायकों ने भी उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। सामाजिक कार्यकर्ता पंडित पंकज कुमार पाण्डेय ने तबादले को “41 महीने बाद न्याय” करार दिया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि विभाग में दबाव और भय का माहौल था। विपक्ष ने जांच की मांग उठाते हुए इसे “देर से हुई कार्रवाई” बताया है। गोंडा में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लगातार विवादों के बीच यह फेरबदल नई उम्मीदें जगाता है। जिले को अब साफ-सुथरी और पारदर्शी स्वास्थ्य व्यवस्था की उम्मीद है।
