फतेहपुर जिले में महाकुंभ जा रहे श्रद्धालुओं के साथ बुधवार तड़के हुए हादसे को सोचकर ही लोगों की रूह कांप रही है। हादसा किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था, जिसमें चालक की मौत के बाद वाहन हाईवे पर दौड़ रहा है। दुर्घटना के करीब 12 मिनट तक सवार श्रद्धालुओं की सांसें मिनी बस में छटपटाती रहीं। घायल श्रद्धालुओं को लग रहा था कि उन्हें मौत खींचकर ले जा रही है, अब तो जिंदगी भगवान के भरोसे ही है।
ट्रॉला से भिड़ने के बाद चालक समेत चार की मौत हो गई। मिनी बस का आगे का बंपर व अन्य हिस्सा ट्रॉला के पीछे फंस गया। धमाके की आवाज आई। सभी यात्री एक दूसरे पर गिरे। किसी का सिर और किसी की नाक टकराई।
चीख पुकार मच गई। घायल श्रद्धालु अनूप कुमार झा ने बताया कि हादसे के चंद सेकंड ही बीते थे कि अचानक उनकी मिनी बस फिर चल पड़ी।
जीवन का अंतिम क्षण दिखाई दे रहा था
यह देखकर मौत का मंजर सामने नजर आने लगा। सारे यात्री चीखने लगे कि रोको-रोको..आखिर बस कैसी रुकती, चालक तो पहले ही मृत था। लोगों को जीवन का अंतिम क्षण दिखाई दे रहा था, लगा अब कोई नहीं बचेगा। बिना चालक के बस दौड़ रही थी। करीब 12 मिनट बाद मिनी बस रुकी। सभी यात्रियों ने राहत की सांस ली और भगवान का शुक्रिया अदा करते नजर आए।
श्रद्धालुओं के खून से सनी ट्रैवलर
ट्रैवलर के अंदर चारों तरफ खून फैला दिखा। सारे कांच और सीट तक टूट गई। चालक सीट और गेट पर खून फैला दिखा। अंदर यात्रियों का सामान अस्त व्यस्त पड़ा दिखा। भीषण हादसे में ट्रैवलर के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
दो किमी. हाईवे पर फैले बस के परखच्चे
हादसे के बाद ट्रॉला में फंसकर घिसटती गई मिनी बस के परखच्चे दो किलोमीटर तक फैले मिले। जिससे अंदाजा लगाया कि मिनी बस दो किलोमीटर तक खिंचती गई है। बस के फाइबर और लोहे के टुकड़े रास्ते पर पड़े मिले।
एक चालक के भरोसे 700 किलोमीटर का सफर
मिनी बस में नई दिल्ली से श्रद्धालु महाकुंभ जा रहे थे। यह लोग करीब 700 किलोमीटर की लंबी यात्रा कर रहे थे। बस नई दिल्ली से मंगलवार शाम 5 बजे चली। चालक ने 12 घंटे में ही करीब 500 किलोमीटर के आसपास का सफर तय कर लिया था। इसमें चालक सिर्फ एक ही था। लंबी यात्रा में कम से कम दो चालक रहने चाहिए। दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 24 में स्थित इशिता टूर एंड ट्रैवल्स एजेंसी की मिनी बस थी।
पुलिस की दिखी सक्रियता
हादसे के बाद पुलिस की सक्रियता दिखाई दी। हादसे की खबर पर 42 मिनट में मौके पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने बिना किसी देरी के 10 मिनट के भीतर ही गोपालगंज सीएचसी में खड़ी एंबुलेंस बुला ली। दो एंबुलेंस व पुलिस वाहन से सारे घायलों को पीएचसी पहुंचाया गया। जहां से गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया।
हादसे के तीन कारण
झपकी, तेज रफ्तार, हाईवे से अचानक ट्रॉला का मुड़ना।
लापरवाही: मोड़ पर सिग्नल या बोर्ड नहीं लगना, ट्रॉला चालक का इंडीकेटर नहीं देना, एक चालक का होना।
कुंभ मेले के दौरान कल्यानपुर थाना क्षेत्र में हुए हादसे
19 जनवरी को मौहार ओवरब्रिज के ऊपर खड़े मौरंग भरे ट्राॅला में पीछे से डबल डेकर बस टकराने से दो विदेशी महिला सहित दस लोग घायल।
23 जनवरी को कल्यानपुर थाना के पास श्रद्धालुओं की कार की टक्कर से सब्जी विक्रेता की मौत, कार सवार घायल।
26 जनवरी को गोविंदपुर मोड़ के पास खड़े ट्रक में श्रद्धालुओं की कार टकराई, हादसे में छह लोग घायल।
28 जनवरी को मौहार के एक ढाबे के पास ट्रक ने कार में पीछे से मारी टक्कर सात श्रद्धालु घायल।
दो फरवरी को रेवाड़ी हाइवे पर खड़े ट्रक में पीछे से डीसीएम भिड़ी, डीसीएम चालक की मौत।
आठ फरवरी को चौडगरा ओवरब्रिज के पास ट्रैवलर बस ने ई-रिक्शा में पीछे से मारी टक्कर, ई-रिक्शा सवार महिला की मौत, सात लोग घायल।