प्रयागराज मंडल के विभागाध्यक्षों, जन सूचनाधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्राप्त होने वाले आवेदन-पत्रों एवं सूचना आयोग
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प्रयागराज मंडल के विभागाध्यक्षों, जन सूचनाधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्राप्त होने वाले आवेदन-पत्रों एवं सूचना आयोग

 


प्रयागराज मंडल के विभागाध्यक्षों, जन सूचनाधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्राप्त होने वाले आवेदन-पत्रों एवं सूचना आयोग में लम्बित अपीलों एवं शिकायतो के शीघ्र निस्तारण के दृष्टिगत राज्य सूचना आयुक्त श्री राकेश कुमार की अध्यक्षता तथा मंडलायुक्त श्री विजय विश्वास पंत की उपस्थिति में आयुक्त कार्यालय स्थित गांधी सभागार में समीक्षा बैठक संपन्न हुई। 


राज्य सूचना आयुक्त ने सर्वप्रथम सभी सम्बंधित अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम

के तहत किस प्रकार की सूचना माँगी जा सकती है अथवा किस प्रकार की सूचना वे सब देने पर बाध्य नहीं हैं इसका विश्लेषण करने के पश्चात् ही सूचना देने को कहा।


उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिनियम की धारा 4 के तहत जो कार्यालय के अभिलेख का भाग है अथवा धारा अंतर्गत परिभाषित है सिर्फ वही सूचना देय होती है इसलिए मेलाफाइड इंटेंशन से यदि कोई सूचना माँगता है जो धारित नहीं है वह देय नहीं होती। परन्तु पूर्ण जानकारी न होने के कारण कई अधिकारी उसपर व्यर्थ में समय बरबाद करते हैं। अतः किस फॉर्मेट में क्या देय है एवं क्या प्रतिबंधित है इसकी पूर्ण जानकारी हर विभाग से सम्बंधित अधिकारी अवश्य कर लें। 


उन्होंने सूचना के अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त प्रार्थना पत्रों के निस्तारण के समय प्रॉपर कारण देने , देने वाले का विवरण तथा सूचना की प्रामाणिकता हेतु एक मोहर बनवाकर लगवाने का भी सुझाव दिया जिससे कि प्रार्थी को सूचना मिलने के पश्चात किसी तरह का कन्फ्यूजन न हो। 


उन्होंने ब्लॉक स्तर पर जानकारी देने की जिम्मेदारी बीडीओ स्तर के अधिकारियों को देने का भी सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि कई ब्लॉक में ग्राम सचिव स्तर के लोगों को इस तरह की जानकारी देने की ज़िम्मेदारी दे दी जाती है परन्तु वे जानकारी देने में सक्षम नहीं होते जिससे कि 30 दिनों की निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत जवाब नहीं मिल पाता। अतः किसी सीनियर सक्षम अधिकारी को इस तरह की जिम्मेदारी देने की आवश्यकता है। समीक्षा के दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारियों से उनके विभाग से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण में आ रही समस्याओं पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की।


बैठक में मण्डलायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों का ज्ञानवर्धन करते हुए सभी को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 एवं उससे सम्बंधित लैंडमार्क जजमेंट्स को पढ़ने का सुझाव दिया जिससे कि निस्तारण प्रक्रिया एवं पेन्डेन्सी खत्म की जा सके।


बैठक में अपर आयुक्त प्रशासन श्री पुष्पराज सिंह ने भी प्रकरणों के निस्तारण में आ रही समस्याओं पर चर्चा करते हुए उपस्थित अधिकारियों का ज्ञानवर्धन किया।

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