बंटेंगे तो कटेंगे के एजेंडे पर ही आगे बढ़ेगी भाजपा की सियासी रणनीति, उपचुनाव में भी दिखेगा इसका असर
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बंटेंगे तो कटेंगे के एजेंडे पर ही आगे बढ़ेगी भाजपा की सियासी रणनीति, उपचुनाव में भी दिखेगा इसका असर

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने साफ कर दिया है कि अब उसकी आगे की पूरी रणनीति बंटेंगे तो कटेंगे के एजेंडे पर ही आगे बढ़ेगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंह से निकला यह नारा अब संघ परिवार के मुख्य एजेंडे का हिस्सा बन गया है। उपचुनाव की सियासी सरगर्मियों के बीच संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने हिंदू एकता के लिए बंटेंगे तो कटेंगे के नारे को जिस तरह से समाज के लिए जरूरी बताया है, उससे यह भी साफ हो गया है कि भविष्य में उसकी सारी रणनीति और निर्णय इसी के इर्द-गिर्द रहेंगे। भाजपा भी इसी पर आगे बढ़ेगी और यूपी में 2027 की सियासी बिसात बिछेगी और इसी को केंद्र बनाकर हिंदुओं की एकता का अभियान भी चलेगा। होसबाले ने संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के बाद मथुरा में इस नारे को जिस प्रकार से प्रमुखता से उठाया है, उसके कई मायने हैं। इस बयान को लेकर विपक्ष के सवालों को खारिज करते हुए संघ परिवार इसको अलग तरीके से परिभाषित भी कर रहा है। संघ परिवार का कहना है कि योगी के इस बयान को एक सीमित दायरे में नहीं देखना चाहिए। संघ के एक उच्च पदाधिकारी कहते हैं इस बयान का सीधा सा अर्थ यह है कि यदि देश बंटेगा तो देश पर खतरा, समाज बंटेगा तो समाज पर खतरा और हिंदू बंटेगा तो हिंदुत्व पर खतरा होगा। उनका कहना है कि इस बयान की मंशा हिंदुत्व में एकता बनाए रखने की है। ऐसा होने से ही समाज एक रहेगा। संघ के इस नजरिए का यूपी के सियासी परिप्रेक्ष्य में बहुत महत्व है। होसबाले के बयान से यह भी साफ हो गया है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और विपक्ष के आरक्षण और संविधान बदलने के भ्रामक बयानों से हिंदू वोटों के बंटवारे ने संघ परिवार को गहरी चिंता में डाला है। यह चिंता समझी भी जा सकती है। संघ को सबसे गहरा आघात यह लगा है कि वर्षों की मेहनत के बाद हिंदुओं की सभी जातियों को जिस तरह से उन्होंने हिंदुत्व की माला में पिरोया था वह कैसे बिखर गई। जबकि इसी के सहारे 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 व 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत हुई थी।

हिंदू जातियों को एकजुट करने की कवायद

विपक्षी दलों द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व में सेंध लगाने को संघ परिवार सामान्य बात नहीं मान रहा है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से संघ परिवार बिखरी हिंदू जातियों को फिर से एकजुट करने की कोशिश में जुटा है। हरियाणा चुनाव से ठीक पहले सीएम योगी के बंटेंगे तो कटेंगे के बयान ने जिस तरह से हिंदुओं को फिर एकजुट करता दिखा है उसके बाद से ही भाजपा और संघ के लिए यह बयान और महत्वपूर्ण बन गया है। माना जा रहा है कि हरियाणा चुनाव में इसका खासा असर भी दिखा है।

... तो योगी ही रहेंगे हिंदुत्व के बड़े ब्रांड

संघ परिवार के सूत्रों की मानें तो सीएम योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे एजेंडे को पीएम मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के बाद अब सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने आगे बढ़ाकर बड़ा संदेश दिया है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि शुरुआत से ही प्रखर हिंदुत्व का चेहरा रहे योगी आज भी संघ और भाजपा के लिए बड़े हिंदू ब्रांड हैं। मीडिया के सामने इस बयान पर अपना नजरिया स्पष्ट करके होसबाले ने यह भी साफ कर दिया है कि बटेंगे तो कटेंगे नारा न तो अकस्मात था और न ही संयोग, बल्कि संघ परिवार की रणनीति का हिस्सा है। इसे भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ाया जाएगा। ऐसा करके संघ परिवार ने एक तरह से यह भी संदेश दिया है कि योगी का यह नारा संघ परिवार के भी एजेंडे का प्रमुख हिस्सा होगा।

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