जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति ( शासी निकाय) की बैठक सोमवार को संगम सभागार में संपन्न आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए WHO के अधिकारियों की टीकाकरण की मॉनिटरिंग में 10 बच्चों की रैंडम जाँच में शत प्रतिशत बच्चों के टीकाकरण से छूटे पाए जाने पर सख्त नाराजगी जताई तथा चिकित्सा अधीक्षक मऊआइमा, प्रतापपुर, बहादुरपुर, KORAON एवं रामनगर को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। साथ ही चेतावनी दिया कि अगली बैठक तक उक्त कार्यक्रम में सुधार नहीं होने की स्थिति में इनके खिलाफ कठोर प्रशासनिक कार्यवाही किया जाएगा। जिलाधिकारी ने गौसनगर, भगवतपुर, चाका, मेजा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा अधीक्षक को भी चेतावनी पत्र जारी करने का निर्देश दिया जहां 80% बच्चे को मॉनिटरिंग के दौरान रैंडम सर्वे में एक भी टीका नहीं लगा पाया गया।
MR-1 से MR -2 टीका में बड़ी संख्या में ड्रापआउट बच्चे पाए जाने तथा आशाओं के पास अपडेट ड्यूलिस्ट नहीं पाए जाने की रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने करछना, प्रतापपुर, भगवतपुर, सैदाबाद, कोटवा, मऊआइमा, मेजा, बहरिया सोराव, फूलपुर शंकरगढ़,कोराव तथा कौंधियारा के बीसीपीएम को चेतावनी पत्र निर्गत करने का निर्देश दिया। जिला टीकाकरण अधिकारी के कार्यों से अप्रसन्नता प्रकट करते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को टीकाकरण कार्यक्रम की साप्ताहिक समीक्षा करने का निर्देश दिया।प्रधान मंत्री आयुष्मान भारत- जन आरोग्य योजना में जनपद की रैंकिंग प्रदेश में सबसे निम्न स्थान में रहने के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी व्यक्त किया तथा आयुष्मान भारत योजना में कार्यरत समस्त कर्मचारियों का मानदेय निम्नतम 10 जिलों की रैंकिंग से बाहर आने तक रोकने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इनके कार्यों की समीक्षा करने तथा अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर इनकी सेवाएं खत्म करने का निर्देश दिया। जननी सुरक्षा योजना की प्रगति रामनगर, बहादुरपुर, कौड़ीहार, सैदाबाद, धनुपुर, मांडा एवं होलागढ़ ब्लॉक में लक्ष्य के सापेक्ष संतोषजनक नहीं पाए जाने पर जिलाधिकारी ने चालू वित्तीय वर्ष में सरकारी चिकित्सा इकाइयों एक भी प्रसव नहीं कराने वाली आशाओं को तीन नोटिस जारी करने तथा अपेक्षित प्रगति नहीं होने की स्थिति में उनको हटाने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सरकारी चिकित्सकों के द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस की किए जाने की शिकायतों की अपने स्तर से जांच कराने एवं प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने का निर्देश दिया । इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह, सीएमओ डॉ एके तिवारी, समस्त SIC, CMS, चिकित्सा अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, WHO, यूनिसेफ के अधिकारी, डीपीएम, ICDS, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

