शीतलहर से राहत के लिए जिला प्रशासन अलर्ट, 14 विभागों के दायित्व तय,रैन बसेरे से लेकर चिकित्सा सेवाओं तक सख्त निर्देश
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शीतलहर से राहत के लिए जिला प्रशासन अलर्ट, 14 विभागों के दायित्व तय,रैन बसेरे से लेकर चिकित्सा सेवाओं तक सख्त निर्देश

 


गोण्डा। जनपद में लगातार बढ़ती ठंड, शीतलहर एवं कोहरे के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। आमजन, विशेषकर जरूरतमंद, असहाय, वृद्ध, बच्चों एवं पशुओं को शीतलहर से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करते हुए सभी संबंधित विभागों के कार्य एवं दायित्व निर्धारित कर दिए गए हैं। प्रशासन का उद्देश्य है कि ठंड के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा का सामना न करना पड़े और राहत कार्य समयबद्ध ढंग से संचालित हों। जारी आदेश के अनुसार पुलिस विभाग को रात्रि गश्त सघन करने, खुले में सो रहे व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें रैन बसेरों तक पहुंचाने तथा अलाव स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। विकास एवं पंचायत राज विभाग को ग्राम पंचायत स्तर पर शीतलहर से प्रभावित संवेदनशील व्यक्तियों की सूची तैयार करने, पंचायत व सामुदायिक भवनों को अस्थायी रैन बसेरों के रूप में उपयोग करने, अलाव हेतु लकड़ी व ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ग्रामीण स्तर पर जन-जागरूकता बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चिकित्सा विभाग को शीतजनित रोगों से निपटने के लिए अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, 24×7 एम्बुलेंस सेवा, वृद्धों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की विशेष निगरानी तथा कंट्रोल रूम की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं पशुपालन विभाग को पशुओं को ठंड से बचाने, पशु अस्पतालों में दवाओं व टीकों की उपलब्धता तथा गौशालाओं में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। स्थानीय निकायों को शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई, जल निकासी, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, रैन बसेरों का संचालन, अलाव व्यवस्था एवं व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य एवं रसद विभाग को खाद्यान्न की सुचारु आपूर्ति, ईंधन की उपलब्धता तथा वितरण केंद्रों पर अलाव व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग को प्रमुख मार्गों, संपर्क सड़कों एवं पुलों की सतत निगरानी, आवश्यकता पड़ने पर त्वरित मरम्मत, संकेतक बोर्ड लगाने तथा मार्ग परिवर्तन की स्थिति में जिला प्रशासन को तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युत विभाग को संभावित फॉल्ट वाले क्षेत्रों की पहचान, ट्रांसफार्मरों की जांच तथा विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में शीघ्र सुधार सुनिश्चित करने को कहा गया है। शिक्षा, परिवहन, कृषि, सूचना एवं राजस्व/आपदा प्रबंधन विभाग को भी अपने-अपने क्षेत्रों में ठंड से बचाव हेतु निर्धारित दायित्वों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) ने सभी विभागों के नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की है कि शीतलहर से राहत संबंधी कार्यों में आपसी समन्वय बनाए रखते हुए शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जनहित सर्वोपरि रहेगा।

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