हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने शैक्षिक भ्रमण कर हस्तलिखित मूल ऐतिहासिक ग्रंथो का अवलोकन/अध्ययन किया
समस्त प्रतिभागी महाविद्यालयों के गुरुजनों को शाल एवं प्रमाणपत्र देकर किया गया सम्मानित
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“विश्व धरोहर सप्ताह “यह वर्ष का एक ऐसा सप्ताह है जिसमें हम कला एवं संस्कृति की विरासत का जश्न मनाते हैं ।इसके अंतर्गत विभिन्न सरकारी विभागों और शैक्षिक संस्थाओं द्वारा प्रदर्शनी,व्याख्यान,धरोहर दर्शन आदि विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है । इसी कड़ी में राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय प्रयागराज में आज साप्ताहिक कार्यक्रम के अंतिम दिन हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज के मध्य कालीन इतिहास विभाग की छात्राओं ने शैक्षिक भ्रमण कर हस्तलिखित मूल ऐतिहासिक ग्रंथो का अवलोकन व अध्ययन किया।
इस अवसर पर विभिन्न आयोजनों का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक परंपराओं के महत्त्व को रेखांकित करना होता है जिससे हम अपने इतिहास और संस्कृति के प्रति सजग और जागरूक बने रहें ।
आज दिनांक 25 नवम्बर, 2025 को राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय, प्रयागराज में विश्व धरोहर सप्ताह (19 से 25 नवम्बर, 2025) का समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया l
इस अवसर पर छात्रों ने शैक्षिक भ्रमण कर भारत की सांस्कृतिक ऐतिहासिक व कलात्मक पाण्डुलिपियों का साक्षात दर्शन किया।
संयोजक डॉ नुजहत फातिमा व शबाना अजीज के नेतृत्व में आये समस्त छात्राओं ने पांडुग्रंथों को अति निकट से देखकर उनकी आयु एवं देख भाल से संबंधित प्रश्न पूछे,तत्पश्चात् छात्राओं ने पाण्डुलिपि संरक्षण से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त कराई गई पाण्डुलिपि विषयक प्रश्नोत्तर कार्यक्रम के अन्तर्गत उपस्थित छात्राओ की जिज्ञासा का समाधन किया गया, छात्राओं ने शोधकार्य में पांडुलिपियों की उपयोगिता, प्रमाणिकता एवं उपलब्धता से संबंधित प्रश्न पूछेl प्राविधिक सहायक श्री हरिश्चन्द्र दुबे व डॉ शाकिरा तलत ने पाण्डुलिपियों के रख-रखाव, उनके महत्व के बारे में विस्तार से बताया। पांडुलिपि अधिकारी गुलाम सरवर ने शोध छात्रों के जिज्ञासानुसार भारत में लिपियों के आधार पर लेखन कला के विकास पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की उन्होंने प्रसिद्ध लिपि ब्राह्मी, खरोष्ठी, अरबी, फ़ारसी सहित उत्तर एवं दक्षिण भारत की लिपियों के बारे में भी बताया l
कार्यालय में रखी गयी असित कुमार हलदर की पेंटिंग्स, सचित्र रामचरितमानस, फारसी भाषा में लिखित रामायण एवं महाभारत,ऋग्वेद,यजुर्वेद, सामवेद, विष्णु पुराण, वाल्मीकि रामायण, भगवदगीता, चरक संहिता, हरिवंश पुराण, कुमार संभवम, सम्पूर्ण महाभारत, रामचरित मानस, मुग़ल कालीन फरमान, तोगरा, अल कुरान, नल दमन, आईने अकबरी,रामायण मसीही,ताड़ पत्र की पाण्डुलिपि देखकर इन पांडुलिपियों की उत्पत्ति,काल , लेखन विधि, लेखन शैली आदि पर आधारित प्रश्न शोध छात्रों ने पूछा l
शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रतिभागी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के उन आचार्यो एवं सह आचार्यों को सम्मानित किया गया जिनके नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने शैक्षिक भ्रमण किया था l इस क्रम में प्रो रत्ना शर्मा,श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय,डॉ नीरज कुमार सिंह,डॉ अंशु, डॉ विजय सी. एम. पी. डिग्री कॉलेज डॉ हरेंद्र नारायण सिंह इलाहाबाद डिग्री कॉलेज,प्रो मीना श्री, डॉ प्रमा द्विवेदी जगत तारन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, नुजहत फातिमा, शबाना अजीज,हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज को प्रमाण पत्र एवं अंग वस्त्रम से सम्मानित किया गया l
समापन सत्र में सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ हरेंद्र नारायण सिंह ने बताया की धरोहर के मूर्त एवं अमूर्त दो रूप होते हैं l प्रो रत्ना शर्मा ने कहा कि पांडुलिपियों की सहायता से शोध कार्य करना चाहिये क्योंकि ये शोध के प्राथमिक स्रोत होते हैं l डॉ नीरज कुमार सिंह ने कहा कि धरोहर सप्ताह के अवसर पर हमें अपनी विरासत के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए l
सभी आगंतुको के प्रति स्वागत एवं आभार प्रकट श्री गुलाम सरवर,पाण्डुलिपि अधिकारी एवं संचालन हरिश्चन्द्र दुबे ने किया l
इस अवसर पर श्री रोशन लाल, अजय कुमार मौर्य , मो0 शफीक , अभिषेक कुमार, आनन्द कुमार आदि की उपस्थिति रही।
ग़ुलाम सरवर,
पाण्डुलिपि अधिकारी,
दिनांक - 25/11/2025
