उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षित युवा, हो रहे हैं आत्मनिर्भर
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उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षित युवा, हो रहे हैं आत्मनिर्भर

 

लखनऊ: 08 अक्टूबर, 2025

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन का गठन उत्तर प्रदेश कौशल विकास नीति के परिप्रेक्ष्य में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उ०प्र० शासन के अधीन एक पंजीकृत समिति के रूप में किया गया है। मिशन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के अल्पशिक्षित कक्षा 10 के पश्चात औपचारिक शिक्षा से विरत स्कूल ड्रापआउट 14-35 आयुवर्ग के छात्रों को अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आजीविका अर्जित करने हेतु सक्षम बनाना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मिशन द्वारा विभिन्न विभागों एवं मंत्रालयों के सहयोग से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिसमें स्टेट स्किल डेवलपमेंट फण्ड (एसएसडीएफ, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य घटक (पीएमकेवीवाई), दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) है। इसके अतिरिक्त मिशन द्वारा विश्व बैंक पोषित संकल्प परियोजना (स्किल एक्किजीशन एण्ड नॉलिज अवेयरनेस फॉर लाइवलीहुड प्रमोशन प्रोजेक्ट) भी मार्च 2025 तक क्रियान्वित रही है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के स्किल ईको सिस्टम में गुणात्मक सुधार लाना तथा वंचित समुदायों (दिव्यांगजन, महिलाएं तथा अनुसूचित जाति/जनजाति) के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित किये गये है।

प्रदेश मंे प्रोजेक्ट प्रवीण के अन्तर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संकल्पना के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट प्रवीण के अन्तर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों व छात्राओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण की सुविधा उनके नियमित पाठ्यक्रम के साथ उपलब्ध करायी जा रही है। प्रोजेक्ट प्रवीण के अन्तर्गत अब तक 315 राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 26 हज़ार से अधिक छात्र/छात्राओं का कौशल प्रशिक्षण दिया गया है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत 3450 छात्राओं को भी निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में उ0प्र0 कौशल विकास मिशन द्वारा गठन के पश्चात् से अब तक कुल 18 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षित किया गया है तथा 07 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश के युवाओं में उद्यमिता विकसित करने की दृष्टि से इन्टरप्रिनियोरशिप डवलपमेंट इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डिया के माध्यम से अभिमुखीकरण कार्यक्रम संचालित किया गया। उक्त प्रयास के अन्तर्गत जनपद गोरखपुर में 1125 युवा उद्यमियों व उत्साही युवाओं को लाभान्वित किया गया। प्रशिक्षण स्वरोजगार की संकल्पना को साकार करने के लिए आर०डी०टी० मॉडल के आधार पर अनुसूचित जाति/अनुसचित जन जाति की 6600 महिलाओं का मीडिया एण्ड इन्टरटेन्मेंट सेक्टर में प्रशिक्षण दिया गया है। कौशल प्रशिक्षण योजनाओं के अन्तर्गत दिव्यांगजनों के प्रशिक्षण के लिए मात्राकृत लक्ष्य निर्धारित हैं। अतः 2200 दिव्यांगजनों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराकर समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये गये। इसके अन्तर्गत दिव्यांगजनों को प्रशिक्षण के पश्चात् सेवायोजित भी कराया गया है।

प्रदेश में समाज के उपेक्षित व बंचित वर्गों तथा समुदायों जैसे महिला संरक्षण गृह की संवासिनियों, किशोर सुधार गृह में निरूद्ध किशोरों तथा कारागार बंदियों को आजीविका अर्जित करने हेतु सशक्त बनाने तथा समाज की मुख्यधारा से जोड़कर सम्मानजनक जीवनयापन करने की दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए संकल्प योजनान्तर्गत 2,862 बंदियो किशोरों व महिला संवासिनियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त ऐसे ही एस०एस०डी०एफ० योजनान्तर्गत 3093 का प्रशिक्षण पूर्ण किया गया है। प्रदेश के युवाओं को किसी भी समय किसी भी स्थान से कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एन०सी०वी०ई०टी० द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रमों के डिजिटल संस्करणों को उपलब्ध कराने के लिये लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल विकसित कराया गया है। जहाँ से वह अपनी सुविधानुसार प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्यक्रम/योजनाएं संचालित की है। प्रदेश में प्रशिक्षित घरेलू कामगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से नवीन परियोजना 'हुनर हाथ' का शुभारंभ किया गया है। HCL तथा आईबीएम के सहयोग से विभिन्न तकनीकी फ्यूचरिस्टिक पाठ्यक्रमों में युवाओं का प्रशिक्षण करने की प्रक्रिया प्रगति पर है। उच्च तकनीकी कार्यक्रमों में विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए MNNIT व इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, प्रयागराज के साथ अनुबंध किया गया है। उद्योगों की मिशन के साथ सहभागिता बढ़ाने की दृष्टि से प्रत्येक जनपद में आधिकाधिक औद्योगिक इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है तथा उन्हें मिशन से जोड़े जाने हेतु प्रस्ताव प्राप्त किये जा रहे हैं। अभी तक 80 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रस्ताव प्राप्त हो गये है। मिशन से प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार में सहायता देने के उद्देश्य से गत तीन वित्तीय वर्षों में प्रशिक्षित युवाओं की ट्रैकिंग तथा उन्हें जन सामान्य से जोड़ने के लिए विशेष पोर्टल व ऐप्प के विकास का कार्य भी कराया जा रहा है।  


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