मिशन शक्ति 5.0 के तहत 75 जनपदों में कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा पर हुए जागरूकता कार्यक्रम
Type Here to Get Search Results !

Advertisement

Acrc institute Acrc instituteAcrc institute

Recent Tube

मिशन शक्ति 5.0 के तहत 75 जनपदों में कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा पर हुए जागरूकता कार्यक्रम



लखनऊ: 26 सितम्बर, 2025

प्रदेश के सभी 75 जनपदों में एक साथ व्यापक स्तर पर मिशन शक्ति 5.0 एवं सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा एवं अधिकारों से संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों और कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष), अधिनियम, 2013, विषय पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों का मुख्य उददेश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडन की रोकथाम अधिनियम, 2013 तथा कामकाजी महिलाओं के वित्तीय एवं कानूनी अधिकारों के प्रति प्रतिभागियों और आमजन को जागरूक करना था। इन आयोजनों में लगभग 50,000 प्रतिभागियों ने प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लिया। इनमें विभिन्न सरकारी और निजी कार्यालयों के अधिकारी, कर्मचारी, महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्याएँ, कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों की छात्राएँ, अधिवक्ता, श्रमिक संगठन और स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि शामिल रहे।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति 5.0 का प्रमुख उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक स्तर पर महिलाओं के प्रति सकारात्मक व्यवहारिक परिवर्तन लाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि उन्हें कानूनों, योजनाओं और अवसरों से जोडकर सशक्त समाज की आधारशिला तैयार की जा सके। आज का आयोजन इसी उद्देश्य को आगे बढाता है कि प्रत्येक कार्यस्थल कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और समान अवसर वाला बने।

कार्यक्रमों के दौरान विशेषज्ञों ने POSH अधिनियम, 2013 के विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। यह अधिनियम कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार के शारीरिक, मौखिक या गैर-मौखिक आचरण को, जो महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाता है, यौन उत्पीडन की श्रेणी में परिभाषित करता है। दस से अधिक कर्मचारियों वाले प्रत्येक संगठन में आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है, जबकि जहाँ यह संभव न हो वहाँ जिला स्तर पर स्थानीय समिति शिकायतों की सुनवाई करती है। शिकायत दर्ज करने की समय-सीमा तीन महीने निर्धारित है, जिसे आवश्यक होने पर बढाया भी जा सकता है। किसी भी शिकायत पर 90 दिनों के भीतर जांच पूरी करना और रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है। अधिनियम महिला की गोपनीयता की रक्षा करता है और दोष सिद्ध होने पर नियोक्ता द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई अथवा जुर्माना जैसे दंड का प्रावधान है। साथ ही नियोक्ता पर यह कानूनी दायित्व भी है कि वह कार्यस्थल को सुरक्षित बनाए, समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करे और समिति की सिफारिशों का अनुपालन करे।

इन कार्यक्रमों में केवल POSH अधिनियम की जानकारी ही नहीं दी गई, बल्कि कार्यरत महिलाओं के वित्तीय और कानूनी अधिकारों पर भी जोर दिया गया। मातृत्त्व अवकाश और संबंधित लाभ, समान कार्य हेतु समान वेतन का अधिकार, कार्यस्थल पर स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुडे प्रावधान, श्रमिक कानूनों के तहत महिलाओं की विशेष सुरक्षा तथा वित्तीय साक्षरता, बैंकिग और बीमा योजनाओं तक पहुँच जैसे विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। विशेषज्ञों ने यह भी स्पष्ट किया कि आर्थिक सशक्तिकरण ही वास्तविक सुरक्षा का आधार है।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि मिशन शक्ति 5.0 केवल योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं है, बल्कि यह एक सतत सामाजिक परिवर्तन का अभियान है। POSH अधिनियम के प्रति जागरूकता इस परिवर्तन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारा लक्ष्य है कि हर कार्यस्थल महिलाओं के लिए न केवल सुरक्षित हो, बल्कि ऐसा वातावरण बने जहाँ वे सम्मान और आत्मविश्वास के साथ कार्य कर सकें। हर महिला और बच्चा तभी सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनेगा, जब समाज स्वयं जिम्मेदारी लेकर आगे आए।

विभाग ने यह भी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि आगामी महीनों में प्रत्येक जिले में नियमित अंतराल पर POSH से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। नियोक्ताओं और संगठनों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति उत्तरदायी बनाया जाएगा। महिलाओं की कानूनी साक्षरता और वित्तीय जागरूकता को बढावा देने हेतु विशेष अभियान चलाए जाएँगे और समाज के प्रत्येक वर्ग की सक्रिय भागीदारी से सशक्त नारी, सुरक्षित कार्यस्थल का सपना साकार किया जाएगा।

आज का यह आयोजन उत्तर प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ, जहाँ महिलाओं की सुरक्षा, गरिमा और आर्थिक सशक्तिकरण को एक साथ जोडकर आगे बढाने की कोशिश की गई। यह कार्यक्रम मिशन शक्ति 5.0 के उस व्यापक संकल्प का जीवंत उदाहरण है, जिसमें हर महिला और बच्चा सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक जीवन जी सके।

उल्लिखित है कि विभाग द्वारा 22 सितम्बर 2025 से 25 सितम्बर 2025 के मध्य आयोजित किये गये कार्यक्रमों के माध्यम से कुल 3,85,681 व्यक्तियों को जागरूक किया है, जिसमें पुरूष/बालक सहित 165822, महिलायें एवं बालिकाओं सहित 219857 एवं अन्य 02 शामिल हुए।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies