कर्नलगंज,गोंडा। तहसील मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज में चिकित्सकीय गंभीर लापरवाही और दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। पीड़ित ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल सहित अन्य उच्चाधिकारियों से करके संबंधित कर्मचारियों और डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने और विभागीय जांच कार्यवाही की मांग की है।
कर्नलगंज कस्बे के मोहल्ला बालूगंज निवासी शिवशंकर भट्ट ने उच्चाधिकारियों से की गई शिकायत में कहा है कि उनके पिता श्री नारायण भट्ट पुत्र राममनोहर उम्र करीब 55 वर्ष को अचानक उल्टी की तकलीफ होने पर 15 सितम्बर 2025 को सीएचसी कर्नलगंज में दिखाया, जहाँ उनका प्राथमिक उपचार हुआ। उसके बाद उन्हें घर ले गए, लेकिन शाम को तबीयत बिगड़ने पर अगले दिन 16 सितम्बर को उन्हें पुनः अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने मरीज की ब्लड शुगर की जांच कराई, जिसमें शुगर लेवल 501 बताया गया और तुरंत डायबिटीज की दवा शुरू कर दी गई। उन्होने कहा कि दवा खाने के बाद उनके पिता को उलझन और बेचैनी बढ़ गई। इस पर उन्हें विवेकानंद हॉस्पिटल, लखनऊ ले जाया गया, जहाँ 18 सितम्बर को जांच में शुगर स्तर फास्टिंग 88 और पोस्ट प्रांडियल 165 पाया गया, जो सामान्य सीमा के भीतर है। परिजन का आरोप है कि सीएचसी की गलत रिपोर्ट और लापरवाही के कारण उनका परिवार शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हुआ और उन्हें दो दिनों तक लखनऊ तक दौड़भाग करनी पड़ी। जब शिकायत लेकर सीएचसी अधीक्षक के पास पहुँचे तो कथित तौर पर डॉक्टर जय गोविंद ने उन्हें कई लोगों के सामने फटकार कर बाहर निकाल दिया। परिजन ने जिलाधिकारी गोंडा को मामले की जानकारी दी और सीएमओ को भी कॉल की, लेकिन व्यस्तता के कारण बात नहीं हो सकी। पीड़ित परिजन ने आरोप लगाया कि सीएचसी में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है, जिससे किसी की जान भी जा सकती है। उन्होंने संबंधित कर्मचारियों और डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने और विभागीय जांच कार्यवाही की मांग की है। यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और जवाबदेही की आवश्यकता को उजागर करता है।