गोंडा। सदर तहसील में तैनात लेखपाल गिरीश चंद्र सोनकर को बिना सूचना के 20 दिनों से अधिक समय तक कार्यालय से अनुपस्थित रहने के कारण एसडीएम सदर अशोक कुमार गुप्ता ने निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर की गई, जिसमें लेखपाल पर ड्यूटी में लापरवाही और कर्मचारी आचरण नियमावली के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। मामले की जांच नायब तहसीलदार को सौंपी गई है, और निलंबन अवधि में लेखपाल को रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय से संबद्ध किया गया है। साथ ही, बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।जानकारी के अनुसार, गिरीश चंद्र सोनकर आपदा कार्यालय से संबद्ध थे। उन्होंने 3 सितंबर को छुट्टी लेकर लखनऊ जाने की सूचना दी थी। अगले दिन, 4 सितंबर को वह कार्यालय आए, उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर किए और फिर बिना किसी सूचना के गायब हो गए। इसके बाद से उनका मोबाइल बंद है, और वह कार्यालय नहीं लौटे। उनकी अनुपस्थिति के कारण आपदा से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं जुटाने में बाधा उत्पन्न हुई। तहसीलदार ने 12 सितंबर को अपनी रिपोर्ट में इसे कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही और उदासीनता करार देते हुए निलंबन की संस्तुति की थी।एसडीएम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई। निलंबन के बाद आपदा कार्यों को सुचारू रखने के लिए राजस्व निरीक्षक मोहम्मद अकलीम को इस कार्य का चार्ज सौंपा गया है। एसडीएम ने नायब तहसीलदार को निर्देश दिए हैं कि वह दैवीय आपदा से संबंधित सभी कार्यों को मोहम्मद अकलीम के माध्यम से तत्काल संचालित कराएं, ताकि कार्य में किसी तरह की रुकावट न आए। यह कार्रवाई सरकारी कार्यों में अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नायब तहसीलदार को जांच पूरी कर विस्तृत रिपोर्ट जल्द सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।