प्रयागराज: प्रयागराज में गंगा और यमुना की बाढ़ का पानी उतरने के बाद निचले इलाकों में रह रहे लोगों को राहत तो मिली है, लेकिन अब नई परेशानी गंदगी के रूप में सामने आ गई है. बाढ़ के 11 दिन बाद जहां जलस्तर सामान्य हो गया है, वहीं प्रभावित इलाकों की गलियों और सड़कों पर गंदगी और मलबे का अंबार लगा हुआ है. लोग खुद कर रहे सफाई
दारागंज, बघाड़ा समेत कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी उतरने के बाद घरों और गलियों में कीचड़ और गंदगी फैली हुई है. लोग अपने-अपने घरों के बाहर से मलबा हटाने में खुद जुटे हैं. सड़कों पर जमा कचरे और गाद के कारण आवाजाही भी मुश्किल हो गई है. वहीं, बदबू और मच्छरों के प्रकोप ने स्थानीय निवासियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
नगर निगम पर उठ रहे सवाल
बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि नगर निगम ने पहले फॉगिंग, ब्लीचिंग और सफाई का दावा किया था, लेकिन अब तक उनकी टीम इलाके में दिखाई तक नहीं दी. लोगों का आरोप है कि प्रशासन सिर्फ कागजों में कार्रवाई दिखा रहा है, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है.
गंदगी से बढ़ रहा संक्रमण का खतरा
गंदगी और मलबे के लंबे समय तक जमा रहने से बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. बदबू और मच्छरों की वजह से लोग संक्रमण और डेंगू-चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को लेकर डरे हुए हैं. कई परिवारों ने हालात से परेशान होकर अस्थायी रूप से पलायन तक कर लिया है. लोगों की गुहार जल्दी हो सफाई
प्रभावित मोहल्लों के लोगों ने नगर निगम से जल्द से जल्द सफाई अभियान चलाने और मच्छरों से राहत दिलाने की गुहार लगाई है. स्थानीय निवासियों का कहना है