लखनऊ हाईकोर्ट से बहुचर्चित अनामिका शुक्ला को आज राहत नहीं मिल सकी है। जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच में उनकी याचिका पर सुनवाई होनी थी। लेकिन सुनवाई नहीं हो पाई है। अनामिका शुक्ला ने याचिका दायर करके गोंडा नगर कोतवाली में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी।
अनामिका शुक्ला ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार, गृह विभाग, गोंडा पुलिस अधीक्षक, नगर कोतवाली पुलिस और वादी प्रदीप कुमार पांडेय को पक्षकार बनाया था। मामले की शुरुआत तब हुई जब आवास विकास कॉलोनी के सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कुमार पांडेय ने न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया।
उन्होंने बीएसए अतुल तिवारी, पटल लिपिक सुधीर सिंह, वित्त एवं लेखा अधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित समेत कई लोगों को पक्षकार बनाया। प्रदीप लुमर पांडेय का आरोप है कि बेसिक शिक्षा विभाग में एक सिंडिकेट काम कर रहा है। यह सिंडिकेट युवाओं का डाटा हथियाकर विभिन्न विद्यालयों में फर्जी नियुक्तियां कर रहा है।
अनामिका शुक्ला के शैक्षिक अभिलेखों का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये का सरकारी धन का गबन किया गया है। इस बीच बीएसए अतुल कुमार तिवारी, सिद्धार्थ दीक्षित, सुधीर सिंह और अनुपम कुमार पांडे को 1 सितंबर को हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है। अदालत ने अगली सुनवाई तक इन चारों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। आज जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच द्वारा ही सुनवाई की जानी थी लेकिन सुनवाई नहीं हो पाई और अनामिका को राहत नहीं मिला है।