आज दिनांक 14 अगस्त, 2025 को इलाहाबाद डिग्री कॉलेज कीडगंज परिसर में क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई, प्रयागराज और मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में अगस्त क्रांति की याद में "भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं महात्मा गांधी: एक समग्र मूल्यांकन" विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता डॉ अविनाश कुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य प्रो अतुल कुमार सिंह, प्रो नीना शुक्ला एवं क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ सुभाष चंद्र यादव ने मां सरस्वती की प्रतिमा का माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने गांधी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा गांधी जी अन्यायपूर्ण सरकार के खिलाफ एक कमजोर ही सही पर टक्कर देने को तरजीह देते हैं। यही से गांधी असत्य के खिलाफ लड़ाई के लिए हथियार के रूप में सत्याग्रह का सृजन करते हैं। इसका प्रारंभ वे चंपारण के साथ करते हैं। लुई फिशर को संदर्भित करते हुए गांधी के इस शुरुवात को वो अंग्रेजी सत्ता की समाप्ति का प्रारंभ बताया।
गांधी अपने विचारों के साथ किसी भी वाद की शुरुवात से साफ इनकार करते हैं। गांधी का यह कदम भारत के सबसे स्पष्ट राजनीतिज्ञ के रूप में सामने आता है। गांधी समाज को रचनात्मक रूप से जोड़ने की बात करते हैं ।
कार्यक्रम के प्रारंभ और अंत में एम ए तृतीय सेमेस्टर आधुनिक इतिहास की छात्राओं समीक्षा कुमारी और वैष्णवी चौरसिया ने स्वतंत्रता आंदोलन पर आधारित प्रो नीना शुक्ला द्वारा रचित गद्य और कविता पाठ की प्रस्तुति दी।
इससे पूर्व मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग की संयोजिका प्रो नीना शुक्ला ने कार्यक्रम की रूपरेखा और अतिथियों के सामान्य परिचय पर प्रकाश डाला। कॉलेज के प्राचार्य प्रो अतुल कुमार सिंह ने अगस्त क्रांति के महत्व पर प्रकाश डाला और छात्र छात्राओं को अपना आशीर्वचन प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ सुभाष चंद्र यादव ने किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ हरेंद्र नारायण सिंह, मंच संचालन डॉ योगेश यादव और मंच सज्जा का कार्य डॉ रिंकू सिंह के द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो नंदिता श्रीवास्तव, प्रो मार्तंड सिंह, प्रो मीरा सिंह, प्रो नंदिता श्रीवास्तव, डॉ आशुतोष सहित बड़ी संख्या में आचार्य और छात्र छात्राएं उपस्थित रहें।
