प्रयागराज से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित मांडा क्षेत्र में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। इस क्षेत्र की करीब 1.17 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है। अब तक 500 से अधिक घरों में बारिश का पानी घुस चुका है और सैकड़ों घर जमींदोज हो गए हैं। मांडा के अलावा टीसेन तुलापुर, कुर्की, खैरुआ, भवानीपुर, भारतीपुर, सिकरा, कोषाडा कला, खवास का तारा, सुरवादलापुर, बरहा कला, आंधी, नरवर चौंकथा, धेराही सहित सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। क्षेत्र की सड़कें जलमग्न हो गई हैं और खेत-खलिहान भी पानी में डूब गए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के पानी के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, रीवा, सोहागी सहित कई जगहों से भी पानी आ रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई सक्षम अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इसी तरह बारिश जारी रही तो लाखों लोगों को अपने घर छोड़कर पलायन करना पड़ सकता है। इस बारे में प्रशासन को सूचना दी गई है, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने नहीं पहुंचा है।
मेजा के एसडीएम सुरेंद्र प्रताप यादव ने कहा है कि वे जल्द ही मौके का स्थलीय निरीक्षण कर लोगों की समस्याओं का समाधान कराएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।
मांडा थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने शाम को प्रभावित गांवों का दौरा किया और लोगों से अनावश्यक बाहर न निकलने की अपील की है। स्थिति गंभीर बनी हुई है और प्रशासन से तत्काल राहत कार्य शुरू करने की मांग की जा रही है।