उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने 38 शिकायती मामलों पर जनसुनवाई की
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उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने 38 शिकायती मामलों पर जनसुनवाई की

 

उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने 38 शिकायती मामलों पर जनसुनवाई की

पेंशन में देरी, अवैध कब्जे जैसे मामलों पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाया

पेंशन भुगतान में देरी पर नाराजगी जताई और दोषी कर्मियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए

विधवा दिव्यांग महिला की भूमि पर कब्जे के मामले में प्रशासन को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए

लखनऊ, 08 अगस्त 2025

उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा द्वारा इन्दिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त 38 शिकायती प्रकरणों पर जनसुनवाई की गई। इस जनसुनवाई में पेंशन भुगतान में देरी, अवैध कब्जे, अधिकारी अनुपस्थिति जैसे गंभीर मामलों पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाया।

राम आसरे सिंह के सेवानिवृत्ति उपरान्त पेंशन, ग्रेच्युटी और राशिकरण भुगतान में 63 दिन की देरी पर आयोग ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। सहायक कोषाधिकारी, जवाहर भवन ने सूचित किया कि सभी देयकों का भुगतान कर दिया गया है, परन्तु शासनादेश के अनुसार अधिकतम तीन दिन में भुगतान होना चाहिए था। आयोग ने दोषी कार्मिकों के विरुद्ध कार्यवाही की संस्तुति की।

फूलकेसरी कश्यप के मामले में नगर निगम लखनऊ का कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ, जिस पर अध्यक्ष ने गम्भीर असंतोष जताते हुए चेतावनी दी कि अगली तिथि पर सक्षम अधिकारी की अनुपस्थिति की स्थिति में नगर आयुक्त के विरुद्ध शासन को कार्रवाई हेतु लिखा जाएगा।

जनपद बाराबंकी निवासी विधवा दिव्यांग महिला मधु देवी के मामले में आयोग ने विशेष संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन और पुलिस को उनकी भूमि से अवैध कब्जा हटवाने के सख्त निर्देश दिए।

जनपद अयोध्या के धनीराम वर्मा के प्रकरण में संविदा समाप्ति के बाद भी भूमि खाली न किए जाने पर आयोग ने क्षेत्राधिकारी, अयोध्या को कार्यवाही कर रिपोर्ट के साथ अगली तिथि पर उपस्थित होने का निर्देश दिया।

 रमेश सिंह एवं दिनेश कुमार के पेंशन प्रकरणों में अनावश्यक विलंब पर पेंशन विभाग के अधिकारी को फटकार लगाई गई और त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

सुनवाई में अनुपस्थित अन्य विभागीय अधिकारियों पर आयोग ने नाराजगी जताते हुए स्पष्ट किया कि भविष्य में भी यदि सक्षम अधिकारी उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके विरुद्ध शासन को लिखकर कार्रवाई कराई जाएगी।


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