प्रदीप बच्चन (ब्यूरो चीफ)
बलिया/वाराणसी(यूपी) महिला भूमिहार समाज की महिलाओं ने शपथ लिया कि मां की तरह पौधों का करेगे देखभाल।
वाराणसी की प्रतिष्ठित साहित्यकार व पत्रकार प्राची राय ने दूरभाष से जानकारी देते हुए हमारे वरिष्ठ संवाददाता-प्रदीप बच्चन को बताया कि सावन के पावन महीने में पारंपरिक उत्सवों की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए महिला भूमिहार समाज की महिलाओं ने एक रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम "आया सावन झूम के" का आयोजन,वाराणसी स्थित होटल अमाया मे किया। जिसमें सभी सम्मानित सदस्यों ने पारंपरिक लोकगीत कजरी और नृत्य की रसधार में सावनी फुहार का जमकर आनंद उठाया। सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसमें विशिष्ट अतिथि डॉ.इंदू सिंह,डॉ.सरोज पांडे,माधुरी राय,डॉ आकांक्षा राय,डॉ० रिया राय,नीलम सिंह,डॉ सुषमा राय जी उपस्थित रहीं।
विघ्नहर्ता श्री गणेश वंदना का गायन कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।
महिला भूमिहार समाज की संस्थापिका डॉ०राजलक्ष्मी राय ने बताया कि,“इस आयोजन का उद्देश्य न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है, बल्कि समाज की महिलाओं को एकसाथ जोड़कर उनके आत्मबल और सामाजिक भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना है।”
कार्यक्रम में शामिल महिलाओ से शपथ लिया गया कि एक वृक्ष मां के नाम पर लगायेंगे एवं अपने परिचितों को भी वृक्षारोपण करने को प्रोत्साहित करेगे।
सावन के महीने में प्राकृति मानसून की गोद में आनंदित होती है। तो भला महिलाएं सावन में कैसे पीछे रह सकती हैं। हरे परिधान में हाथों में मेंहदी और हरी हरी चूड़ियों के साथ सज धजकर सभी महिलाएं
कार्यक्रम को चार चांद लगा दी। सावन गीतों और ढोलक की थाप से महिलाओ ने जमकर पारंपरिक गीत गाकर नाचा और सावन के मौसम का उल्लासपूर्वक स्वागत किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजक समिति में सरोज सिंह,किरन राय,रितु सिंह,मनीषा राय और रश्मि सिंह का अथक प्रयास और सहयोग रहा।
कार्यक्रम में गीत,संगीत,नृत्य,लघु नाटिका और खेल का आनंद सभी महिलाओं ने लिया।
"आया सावन झूम के" कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूनम सिंह,डॉ.मंजुला चौधरी,किरन सिंह,बंदना सिंह,पूनम सिंह,सोनी राय,प्रतिमा राय, डॉ०विजयता,चंद्रकला राय,सरिता राय,बबीता राय,प्राची राय,नीलिमा राय,सुमन सिंह,सीमा राय,छाया,कुसुम सिंह,अमिता,उमा,अनिता,आशा,सविता,खुशबू,वैदही जी सहित तीन सौ महिलाऐं उपस्थित रही।
आगंतुकों का आभार महिला भूमिहार समाज की संस्थापिका डॉ० राज लक्ष्मी राय ने दिया.