जूनियर प्रोफेसर को एमडीआई का निदेशक बनाने का आदेश रद्द, डॉ. अपराजिता को फिर सौंपी जिम्मेदारी
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जूनियर प्रोफेसर को एमडीआई का निदेशक बनाने का आदेश रद्द, डॉ. अपराजिता को फिर सौंपी जिम्मेदारी

 


क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का दर्जा पाने वाले मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय में ज्येष्ठता सूची में चार साल पीछे रहे प्रोफेसर को निदेशक बनाने का आदेश स्वास्थ्य महानिदेशालय के आदेश पर रद्द कर दिया गया है। इसी के साथ वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. अपराजिता चौधरी को चिकित्सालय का दोबारा निदेशक बना दिया गया है। अपराजिता ने कार्यभार संभाल लिया है। मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में नियम के विपरीत हुई नियुक्ति को अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसको संज्ञान लेकर शासन ने जांच शुरू कराई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय ने 24 मार्च, 2021 को जारी शासनादेश का परीक्षण कराने के बाद पाया कि मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय का निदेशक वरिष्ठतम प्रोफेसर को बनाया जा सकता है। विभागाध्यक्ष को दो साल के रोटेशन के क्रम में वरिष्ठता क्रम में बदला जाएगा, लेकिन निदेशक का पद वही ग्रहण करेगा, जो वरिष्ठतम प्रोफेसर होगा। महानिदेशालय की ओर से इस आशय का आदेश जारी होने के बाद मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य ने चार अप्रैल 2024 को विभागाध्यक्ष के रोटेशन के साथ ही निदेशक के पद को भी रोटेट करने के आदेश को निरस्त कर दिया है।

इससे पहले प्रधानाचार्य ने चार साल जूनियर प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार को उनके ही आग्रह पत्र का हवाला देते हुए निदेशक का प्रभार दे दिया था। अब महानिदेशालय की ओर से कहा गया है कि विभागाध्यक्ष का पद तो दो वर्ष में रोस्टर के अनुसार बदले जाने का नियम है, लेकिन निदेशक का पद ज्येष्ठता के आधार पर ही वरिष्ठतम प्रोफेसर संभाल सकता है।

महानिदेशालय के निर्देश पर इस मामले से जुड़े सभी पत्रों और दस्तावेज को संलग्न कर भेजा गया था। महानिदेशक का मार्ग दर्शन मिलने के बाद रोटेशन के आधार पर एमडीआई के निदेशक को न बदलने का निर्देश प्राप्त हुआ है। 

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