UPPSC से जाने के बाद दोबारा नहीं हुईं छह प्रकार की भर्तियां, पहले नियमित अंतराल पर होती थीं परीक्षाएं
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UPPSC से जाने के बाद दोबारा नहीं हुईं छह प्रकार की भर्तियां, पहले नियमित अंतराल पर होती थीं परीक्षाएं

 



उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) से जाने के बाद लोअर सबऑर्डिनेट की छह तरह के पदों पर भर्तियां दोबारा नहीं हुई हैं। पहले यह जिम्मेदारी आयोग के पास थी, तब एक से दो साल के नियमित अंतराल में भर्तियां हुआ करती थीं। वर्ष 2018 में इन पदों पर भर्ती का जिम्मा उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) को सौंप दिया गया। तकरीबन 11 प्रकार के पदों की भर्तियां हैं, जो लोअर सबऑर्डिनेट के तहत कराई जा रही थीं। इन 11 प्रकार के पदों में से यूपीएसएसएससी ने वर्ष 2019 में निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय विभाग में अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में अपर जिला सूचना अधिकारी (हिंदी), आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग में विपणन निरीक्षक एवं पूर्ति निरीक्षक और आयुक्त चीनी विभाग में खांडसारी निरीक्षक के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए थे। वहीं, यूपीपीएससी से जाने के बाद छह प्रकार के पदों पर भर्तियां दोबारा नहीं हुईं। इनमें जिला मद्यनिषेध एवं समाजोत्थान अधिकारी, कर अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी, सहकारी निरीक्षक समूह-दो/सहायक विकास अधिकारी, विपणन निरीक्षक एवं नीलाम आयोजक और निरीक्षक विधिक माप विज्ञान के पद शामिल हैं। इन पदों पर वर्ष 2015-2016 में भर्तियों के लिए यूपीपीएससी ने विज्ञापन जारी किया था।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि ये भर्तियां जब यूपीपीएससी के पास थीं तो एक से दो साल के अंतराल में नियमित रूप से इनका विज्ञापन जारी हुआ करता था। भर्तियों की जिम्मेदारी यूपीएसएसएससी को मिलने के बाद अभ्यर्थी 10 साल से नई भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। मीडिया प्रभारी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर इन भर्तियों की जिम्मेदारी वापस यूपीपीएससी को सौंपे जाने की मांग की है, ताकि पूर्व की भांति लोअर सबऑर्डिनेट की भर्तियां नियमित अंतराल में हो सकें।

इंतजार में ओवरएज हो गए हजारों अभ्यर्थी

लोअर सबऑर्डिनेट की भर्तियां यूपीएसएसएससी को मिलने के बाद नई भर्तियों के इंतजार में हजारों अभ्यर्थी ओवरएज हो गए। भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि जिन अभ्यर्थियों की आयु वर्ष 2015 या 2016 में 31 वर्ष या इससे अधिक रही होगी, वे सभी अब ओवरएज हो चुके हैं और उनके लिए भविष्य के रास्ते भी बंद हो चुके हैं।

नई भर्तियों में दी जाए आयु सीमा में छूट

प्रतियोगी छात्रों ने यह मांग भी की है कि लोअर सबऑर्डिनेट की नई भर्तियों का विज्ञापन जारी होने पर ओवरएज हो चुके अभ्यर्थियों को आयु सीमा में कम से कम तीन साल की छूट दी जाए और पहले की भांति ये भर्तियां एक से दो वर्ष के अंतराल में नियमित रूप से आयोजित की जाएं।

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