मनरेगा से आवागमन हुआ आसान, आर्थिक गतिविधियों को मिला बढ़ावा।
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मनरेगा से आवागमन हुआ आसान, आर्थिक गतिविधियों को मिला बढ़ावा।


लखनऊ : 30 अप्रैल 2025 उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गांवों में आवागमन के लिए आन्तरिक गलियों को मनरेगा से बेहतर तरीके से सही कराया जाय। सड़कों, पुलियों और पैदल मार्गों के निर्माण ने न केवल रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, बल्कि ग्रामीण समुदायों को मुख्यधारा से जोड़कर उनकी जीवनशैली में सुधार किया है।

उप मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश की ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत मार्गों (सीसी रोड,इंटरलॉकिंग,चकरोड) का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इनके निर्माण से आवागमन सुगम हुआ है एवं ग्राम पंचायतों में स्वच्छता भी बढ़ी है।ग्रामीण क्षेत्रों में नदियों और नालों के कारण आवागमन में असुविधा न हो और खासकर मानसून के दौरान । इसलिए मनरेगा के तहत पुलियों का निर्माण किया गया है, जिससे हर मौसम में कनेक्टिविटी निश्चित हुई है। 


उन गांवों में जहां वाहनों के लिए बड़ी सड़कें बनाना संभव नहीं है, मनरेगा के तहत पैदल मार्ग और छोटे संपर्क मार्ग बनाए गए हैं। ये मार्ग विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए उपयोगी हैं, जो स्कूल, स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य सुविधाओं तक पहुंचने के लिए इनका उपयोग करते हैं। ग्रामीण सड़कों की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए जल निकासी प्रणाली का निर्माण महत्वपूर्ण है। मनरेगा के तहत सड़कों के किनारे नालियों का निर्माण किया गया है, जिससे बारिश के दौरान सड़कों को नुकसान नहीं पहुंचता। बेहतर सड़क नेटवर्क ने ग्रामीण उत्पादों, जैसे सब्जियों, अनाज और दूध, को बाजारों तक पहुंचाने में मदद की है। इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिला है।ग्रामीण कनेक्टिविटी परियोजनाओं ने स्थानीय श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया है। बेहतर कनेक्टिविटी ने ग्रामीण समुदायों, विशेषकर महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों, को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाया है।


ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 

मनरेगा के तहत उत्तर प्रदेश में ग्रामीण आन्तरिक गलियों और संपर्क मार्गों के निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। बीते 3 सालों में योजनांतर्गत 2.32 लाख से ज्यादा ग्रामीण संयोजकता के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं।

 आयुक्त, ग्राम्य विकास, जी0 एस0 प्रियदर्शी द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में मनरेगा के तहत ग्रामीण कनेक्टिविटी कार्यों से ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त नाया जा रहा है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ-साथ आधारभूत संरचना का विकास करना है। उत्तर प्रदेश, जो देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, में मनरेगा के तहत ग्रामीण कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। ये कार्य न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि ग्रामीण समुदायों को शहरी केंद्रों और बाजारों से जोड़कर उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाते हैं। मनरेगा और ग्रामीण कनेक्टिविटी मनरेगा के तहत ग्रामीण कनेक्टिविटी कार्यों में मुख्य रूप से ग्रामीण सड़कों का निर्माण, मरम्मत और रख-रखाव, नालियों का विकास शामिल है। ये कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाते हैं, जिससे किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों को बाजारों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलती है। उत्तर प्रदेश में, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क की कमी एक बड़ी चुनौती रही है, मनरेगा ने इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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