प्रयागराज: सांस्कृतिक संबंधों के विकास के लिए मुक्त विश्वविद्यालय ने आईसीसीआर से मिलाया हाथ त्रिपक्षीय समझौते में रूट्स 2 रूट्स भी शामिल
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प्रयागराज: सांस्कृतिक संबंधों के विकास के लिए मुक्त विश्वविद्यालय ने आईसीसीआर से मिलाया हाथ त्रिपक्षीय समझौते में रूट्स 2 रूट्स भी शामिल

 


प्रकाशनार्थ   30/04/25

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली और रूट्स 2 रूप्रयागराज: सांस्कृतिक संबंधों के विकास के लिए मुक्त विश्वविद्यालय ने आईसीसीआर से मिलाया हाथ त्रिपक्षीय समझौते में रूट्स 2 रूट्स भी शामिल


ट्स ने ऑनलाइन भारतीय प्रदर्शन कलाओं की कक्षाएं शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है। आईसीसीआर, रूट्स 2 रूट्स और यूपीआरटीओयू ने बुधवार को आईसीसीआर मुख्यालय, आज़ाद भवन, नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए।

मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम की उपस्थिति में इस समझौते पर आईसीसीआर की कार्यक्रम निदेशक श्रीमती अर्चना शर्मा; रूट्स 2 रूट्स के संस्थापक श्री राकेश गुप्ता और यूपीआरटीओयू के रजिस्ट्रार, कर्नल विनय कुमार द्वारा हस्ताक्षर किए गए।

मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्य काम ने बताया कि इस ऐतिहासिक सहयोग का उद्देश्य भारत की महान संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना है, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों और दुनिया भर के भारतीय प्रवासियों के लिए भारतीय प्रदर्शन अथवा निष्पादन कलाओं की लाइव, इंटरएक्टिव ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। यह समझौता भारत के नवाचार और रचनात्मकता के माध्यम से वैश्विक सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। प्रस्तावित कला विधाएँ  कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, तबला, हारमोनियम, हिंदुस्तानी वोकल, कठपुतली निर्माण, रंगोली, मधुबनी कला, मेंहदी और बॉलीवुड (लोकप्रिय) नृत्य आदि हैं।

आईसीसीआर (भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का स्वायत्त निकाय) के सहयोग से विगत  वर्षों में रूट्स 2 रूट्स (एनजीओ) ने कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, कठपुतली निर्माण, रंगोली, और मधुबनी कला में प्रायोगिक कक्षाएं संचालित कीं। इन कक्षाओं के लिए दुनिया भर में मिले उत्साह और प्रतिक्रिया ने इस पहल को दिशा दी है, जो अब एक वर्षीय पाठ्यक्रम में परिणत हो गई है जिनमें सफल शिक्षार्थियों को डिप्लोमा कोर्स किया जाएगा।

मुक्त विश्वविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि प्रत्येक कला विधा के भारतीय विशेषज्ञ, जो अपनी महारत और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं, इन कक्षाओं का नेतृत्व करेंगे। ये कक्षाएं अंग्रेजी में संचालित होंगी और 125 विश्व भाषाओं में उपशीर्षक के साथ प्रस्तुत की जाएंगी, ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी अपनी चुनी हुई भाषा में निर्देशों को आसानी से समझ सकें। कक्षाएं रूट्स 2 रूट्स द्वारा तैयार विशेष सॉफ़्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी, जिसमें मल्टी-कैमरा शूट और प्रतिभागियों के साथ रियल-टाइम संवाद सुनिश्चित किया जाएगा।

इस नवाचार के प्रमुख पहलुओं के अंतर्गत आईसीसीआर वैश्विक स्तर पर प्रतिभागियों को जोड़ने और प्रचारित करने के लिए अपने भारतीय मिशनों और उनके आईसीसीआर केंद्रों का उपयोग करेगा। रूट्स 2 रूट्स अत्याधुनिक कैमरा, प्रोफेशनल साउंड सिस्टम और इंटरएक्टिव सॉफ़्टवेयर के साथ कक्षाओं का प्रबंधन, संचालन और दस्तावेज़ीकरण करेगा तथा यूपीआरटीओयू छात्रों का मूल्यांकन करेगा और सफल परीक्षार्थियों को डिप्लोमा/ सर्टिफ़िकेट प्रदान करेगा।

इस अवसर पर आईसीसीआर की कार्यक्रम निदेशक श्रीमती अर्चना शर्मा ने कहा कि यह पहल भारत की अनोखी सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है और यह दुनिया के साथ साझा करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।

यूपीआरटीओयू के कुलपति प्रो. सत्यकाम ने भारत की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने में विश्वविद्यालय की भूमिका पर प्रसन्नता व्यक्त की। रूट्स 2 रूट्स के संस्थापक राकेश गुप्ता ने आईसीसीआर और यूपीआरटीओयू को इस उल्लेखनीय पहल में उनके अमूल्य समर्थन और योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

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