मौसमी बदलाव से वायरल संक्रमण तेज हो गया है। जिन रोगी की शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हैं, उन्हें वायरल संक्रमण और डायरिया के बाद निमोनिया हो जा रहा है। अस्थमा, सीओपीडी और सांस की नली की एलर्जी के रोगियों की हालत गंभीर हो जा रही है। बुधवार को एक निमोनिया रोगी की मौत हो गई। इसके साथ ही पांच रोगियों को गंभीर हालत में हैलट इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है। इसके अस्थमा, सीओपीडी के साथ ही पुराने टीबी के रोगियों की हालत बिगड़ रही है। चेस्ट हॉस्पिटल का आईसीयू रोगियों से फुल है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के संचारी रोग अभियान प्रभारी डॉ. बीपी प्रियदर्शी का कहना है कि इस समय वायरल संक्रमण, एलर्जी और प्रदूषण बढ़ रहा है। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों से रोगी आ रहे हैं। जिनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उनमें जटिलताएं बढ़ जा रही हैं। सांस की एलर्जी भी बढ़ रही है। रोगी ओपीडी और इमरजेंसी में आ रहे हैं। फजलगंज के रहने वाले अवधेश (56) की निमोनिया से मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि वायरल संक्रमण के बाद सांस उखड़ गई थी। ब्लड प्रेशर कम हो गया और गुर्दों में खराबी आई गई। कल्याणपुर के निजी अस्पताल में चल रहा था। इसी तरह तीन रोगियों को निजी अस्पतालों से गंभीर हालत में हैलट रेफर किया गया।