डिजिटल साक्षरता के माध्यम से कौशल प्रदान करना लक्ष्य- प्रोफेसर सत्यकाम,स्वयं प्लेटफार्म भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल- डॉ अंगनासेन
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डिजिटल साक्षरता के माध्यम से कौशल प्रदान करना लक्ष्य- प्रोफेसर सत्यकाम,स्वयं प्लेटफार्म भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल- डॉ अंगनासेन



 22/03/2025

उ प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में शनिवार को विश्वविद्यालय एवं इसके क्षेत्रीय केंद्रों व अध्ययन केन्द्रों में स्वयं-एनपीटीईएल पाठ्‌यक्रमों का एकीकरण एवं क्रियान्वयन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षक एवं शिक्षण संस्थाओं को स्वयं - एनपीटीईएल प्लेटफार्म से जोड़‌ना और डिजिटल शिक्षा के माध्यम से शिक्षण पद्धतियों में नवाचार लाना था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति आचार्य सत्यकाम ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा जगत के तकनीकी परिवेश में स्वयं पोर्टल का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा के उद्देश्य को प्राप्त करने में स्वयं प्लेटफार्म की अहम भूमिका है तथा नई शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य को प्राप्त करने में स्वयं प्लेटफार्म महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों को निर्देशित किया कि वे सभी स्वयं से कम से कम एक पाठ्यक्रम में प्रवेश लें और उसका अनुभव अपनी शिक्षण पद्धति में उपयोग करें। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ ही डिजिटल साक्षरता के माध्यम से कौशल प्रदान करना है। यही मुक्त विश्वविद्यालय का लक्ष्य है।

मुख्य वक्ता आई आई टी कानपुर की परियोजना वैज्ञानिक एवं लोकल चैप्टर समन्वयक डॉ अंगना सेन गुप्ता ने कहा कि स्वयं प्लेटफार्म भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो डिजिटल डिवाइस को पाटने एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है।

डॉ गुप्ता ने स्वयं-एनपीटीईएल पाठ्यक्रमों के एकीकरण,उनके लाभ, पंजीकरण प्रक्रिया, क्रेडिट ट्रांसफर, परीक्षा पद्धति एवं मूल्यांकन के साथ ही शिक्षकों की भूमिका पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। 

उन्होंने स्वयं प्लेटफार्म पर कोर्स में नामांकन तथा पाठ्य सामग्री तक पहुंचने की प्रक्रिया का लाइव डेमो दिया। उन्होंने बताया कि स्वयं पाठ्यक्रम को सफलता पूर्वक पूर्ण करने के लिए आंतरिक तथा अंतिम मूल्यांकन परीक्षा में अलग-अलग व न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है।

 संयोजक प्रो ए.के.मलिक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की विषयवस्तु एवं उद्देश्यों से अवगत कराया। संचालन डॉ ज्ञान प्रकाश यादव व धन्यवाद ज्ञापन डॉ सी. के. सिंह ने किया। इस अवसर पर सभी विद्याशाखा के निदेशक, आचार्य, सह आचार्य, सहायक आचार्य एवं ऑनलाइन माध्यम से सभी क्षेत्रीय केंद्रों व अध्ययन केंद्रों के समन्यवक उपस्थित रहे।


डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र 

जनसंपर्क अधिकारी

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