कुंभ हादसा: मृतका का बेटा भावुक होकर बोला...:अमावस्या से पहले स्नान का आग्रह किया था, मां ने नहीं माना; भगदड़ में गई जान।
प्रदीप बच्चन(ब्यूरो चीफ बलिया यूपी)
बलिया( यूपी) प्रयागराज के महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ ने कई परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया। इस दर्दनाक हादसे में बलिया जिले की दो महिलाओं सहित चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई। घटना के बाद मृतकों के गांवों में मातम पसर गया।
"काश मां ने मेरी बात मान ली होती..." बेटे की आंखों में आंसू
तहसील पत्रकार-डॉ०सैयद सेराज अहमद ने जानकारी देते हुए हमारे वरिष्ठ संवाददाता-प्रदीप बच्चन को बताया कि
बलिया के नगरा थाना क्षेत्र के चचयां गांव की रहने वाली 55 वर्षीय मीरा सिंह पत्नी बालजीत सिंह की इस भगदड़ में जान चली गई। उनके छोटे बेटे अश्विनी सिंह का कहना है,"मैंने मां से कहा था कि वो मौनी अमावस्या से पहले ही कुंभ स्नान कर लें, लेकिन उन्होंने पड़ोसियों के साथ 27 जनवरी को जाने का फैसला किया। काश, मां मेरी बात मान ली होती, तो आज वो हमारे साथ होतीं।"
मीरा सिंह गांव के एक दर्जन श्रद्धालुओं के साथ बस से बेल्थरा रोड पहुंचीं, वहां से ट्रेन पकड़कर प्रयागराज रवाना हुईं। दुर्भाग्य से जाते समय बेटे से उनकी आखिरी मुलाकात भी नहीं हो पाई। हादसे के बाद परिवार में गम का माहौल है।
इसी गांव की 40 वर्षीय रिंकी सिंह पत्नी छट्ठू सिंह भी उसी जत्थे में थीं। उनके भतीजे रणवीर सिंह ने बताया कि रिंकी चाची भी काफी दिनों से कुंभ जाने की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने अपने दो छोटे बच्चों को यह कहकर घर छोड़ा था कि वह जल्द लौट आएंगी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
बलिया में एक और गांव के मृतकों के घरों के बाहर लगी भीड़
मां-बेटी की भी गई जान, परिवार सदमे में
बलिया के फेफना थाना क्षेत्र के नसीराबाद गांव की 35 वर्षीय रीना पटेल और उनकी 10 साल की बेटी रोशनी भी इस भगदड़ की भेंट चढ़ गईं। रीना अपने पति दिनेश पटेल, सास ललिता देवी और बेटी रोशनी के साथ कुंभ स्नान के लिए गई थीं। भगदड़ के दौरान मां-बेटी भीड़ में दब गईं और दम तोड़ दिया। हादसे की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। मृतका के देवर दिलीप पटेल ने बताया कि जब दिनेश ने फोन कर सूचना दी कि रीना और रोशनी नहीं रहीं, तो घर में मातम छा गया।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुंभ नगरी में रात के अंधेरे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ रही थी। अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग दब गए। इस घटना में बलिया के चचयां गांव की दो और नसीराबाद गांव की दो महिलाओं की मौत हो गई। घटना के बाद प्रशासन पर भीड़ नियंत्रण में लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं।
गांवों में पसरा मातम, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
जिन घरों से हंसी-खुशी महिलाएं कुंभ के लिए निकली थीं, वहां अब सिर्फ मातम है। मीरा सिंह और रिंकी सिंह की मौत की खबर मिलते ही चचयां गांव में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। मृतकों के घर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। वहीं, रीना और रोशनी की मौत से नसीराबाद गांव में भी सन्नाटा छाया हुआ है।
प्रशासन ने किया मुआवजे का ऐलान
इस हादसे के बाद प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की घोषणा की है। हालांकि, परिजनों का कहना है कि उनके लिए पैसे से ज्यादा जरूरी था कि उनका कोई अपना आज जिंदा होता।