इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को अलीगढ़ लोकसभा चुनाव की ईवीएम फुटेज और वीडियोग्राफी सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने अलीगढ़ लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार चौधरी बिजेंद्र सिंह की याचिका पर दिया है।
लोक सभा चुनाव 2024 में सपा उम्मीदवार बिजेंद्र सिंह ने याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनावों में भाजपा ने बेईमानी की है। मतगणना के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी कर उन्हें हराया गया है। इसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
उनके अधिवक्ता महमूद प्राचा व उमर जामिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दलील दी कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है। कहा कि ईवीएम के मौजूदा सेट में हैकिंग, छेड़छाड़ और नकली वोट नहीं डाले जा सकते, इसकी कोई प्रमाणित गारंटी नहीं है।
न्यायालय ने पक्षों को सुनने के बाद चुनाव से संबंधित दस्तावेज (वीडियोग्राफी/सीसीटीवी फुटेज, फॉर्म 17-सी व अन्य दस्तावेज) चुनाव आयोग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। साथ ही न्यायालय ने चुनाव आयोग से चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 27 जनवरी, 2025 को होगी।
सपा उम्मीदवार बिजेंद्र सिंह ने लगाए कई आरोप
बिजेंद्र सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय बैलेट पेपर पर मतदान कराने और दोबारा मतगणना करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा के सतीश कुमार गौतम ने 5,01,834 वोट हासिल किए और 15,647 वोटों से जीत हासिल की। आरोप लगाया कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने 11 ईवीएम मशीनों के वोट नहीं गिने। 23वें से 28वें चरण की मतगणना में धांधली कर उन्हें हराया गया। इसकी जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखित शिकायत की थी। वहीं, शहर कांग्रेस कमेटी के महासचिव इरशाद उल्ला ने भी धांधली के आरोप लगाते हुए दोबारा मतगणना की मांग उठाई
