कानपुर के सीसामऊ विधानसभा उपचुनाव में 269770 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इन मतदाताओं को वर्ग और जातीय समीकरण में बांटकर देखा जाए तो 60 से 65 हजार दलित मतदाता हैं जो चुनाव परिणाम को किसी भी दिशा में मोड़ने की ताकत रखते हैं। इसी के साथ सिख मतदाता भी जिताने और हारने की ताकत रखते हैं। इन मतदाताओं को जो प्रत्याशी अपनी तरफ साध लेगा, उसी के सर पर जीत का ताज सजेगा। यहां के दलित मतदाता किसी पार्टी या प्रत्याशी विशेष से अभी तक नहीं जुड़ पाए हैं। जो इनके मन की सुनता रहा है, वही जीतता रहा है। भाजपा की यहां पर हार की वजह यही रही है कि वह यहां के दलित मतदाताओं को साधने में हमेशा से मात खाती रही है। दलितों को अपना वोटर मानने वाली पार्टी बसपा का प्रत्याशी इस सीट से हमेशा से तीसरे या उससे भी नीचे पायदान पर रहा है। पिछले 39 साल के सीसामऊ विधानसभा सीट के इतिहास में बसपा के प्रत्याशी को यहां से अधिकतम 15 हजार के आसपास ही वोट हासिल हुआ है। जबकि दलित मतदाताओं की संख्या इससे चार गुना ज्यादा है। इरफान सोलंकी को मिल रही जीत में इस तबके का भी योगदान रहा
दूसरी वजह यहां के पंजाबी और सिख मतदाता हैं। इनका भाजपा के साथ सपा से सीधा नाता है। यहां पर सिख और पंजाबी मतदाताओं की संख्या करीब 20 हजार है। वर्ष 2012 से सपा की सीट से इरफान सोलंकी को मिल रही जीत में इस तबके का भी योगदान रहा है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रोड शो के लिए इसी क्षेत्र को चुना था।
नसीम सोलंकी को मिल सकता है सहानुभूति को वोट
इस बार भी भाजपा सिख और पंजाबी मतदाताओं को पूरी तरह से अपने साथ लाने के लिए उन्हें के बीच के लोगों को मॉनीटर बनाकर घर-घर भेज रही है। सपा का इस बार ड्रा बैक इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान का जेल में होना है। ये दोनों भाई ही बड़े रणनीतिकार रहे हैं। इसके साथ ही प्लस प्वाइंट यह है कि पार्टी की प्रत्याशी इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी को सहानुभूति को वोट मिल सकता है।
भाजपा और सपा के बीच जोरदार टक्कर
वहीं, भाजपा को यह लगता है कि वह सपा की रणनीति पर इस बार भारी पड़ेगी। पिछली बार की जो भी कमियां रहीं हैं, उसे इस पर दूर करके सीट जीती जा सकती है। तीसरी वजह यह है कि 2022 के चुनाव में सपा और कांग्रेस दोनों ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसमें कांग्रेस के प्रत्याशी को पांच हजार से ज्यादा वोट हासिल हुआ था। इस बार कांग्रेस ने सपा को समर्थन दिया है। इससे भी भाजपा और सपा के बीच की टक्कर जोरदार होने की बात कही जा रही है।
सीसामऊ सीट पर जातिगत मतदाता स्थिति
मुस्लिम- 1.10 लाख
ब्राह्मण- 70 से 75 हजार
दलित- 60 से 65 हजार
वैश्य- 25 से 30 हजार
सिंधी पंजाबी, सिख- 20 से 25 हजार
कायस्थ- 10 से 15 हजार