उपचुनाव में प्रत्याशियों के नाम के सारे पत्ते खोलने के साथ ही समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया कि पीडीए का नारा महज नारा ही नहीं बल्कि हकीकत है। सपा ने नौ में से पांच टिकट दलित और पिछड़ी जातियों से दिए हैं जबकि चार मुस्लिमों पर दांव लगाया है। इसके अलावा आधी से ज्यादा यानी पांच सीटें महिलाओं को देकर आधी आबादी को तरजीह दी है। सपा ने टिकट बांटने के मामले में सामान्य जाति को तरजीह नहीं दी है। बुधवार तक सपा ने छह सीटों पर नामों की घोषणा कर दी थी। बृहस्पतिवार को बची हुई तीन सीटों पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खैर से डॉ. चारू कैन, गाजियाबाद से श्री सिंह राज जाटव और कुंदरकी से मोहम्मद रिजवान को टिकट दे दिया। पार्टी ने अभी मोहम्मद रिजवान के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन सपा द्वारा जारी फार्मेट सी-7 में मोहम्मद रिजवान को अपना प्रत्याशी बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फार्मेट सी-7 में प्रत्याशियों के आपराधिक इतिहास का ब्योरा दिया जाता है। इससे पहले करहल से तेज प्रताप यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुजतबा सिद्दीकी, कटहरी से शोभावती वर्मा, मझंवा से डॉ. ज्योति बिंद और मीरापुर से सुम्बुल राणा के नामों का एलान हो चुका है। इसी के साथ सभी नौ सीटों पर सपा के सभी प्रत्याशियों सामने आ गए हैं।
चला पीडीए कार्ड
नामों की घोषणा के साथ साफ हो गया कि समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव में खुलकर पीडीए कार्ड चला है। यहां तक कि सामान्य सीट गाजियाबाद से भी जाटव प्रत्याशी के रूप में श्री सिंह राज जाटव को उतार दिया। वहीं एक बिंद, एक कुर्मी, दो जाटव और एक यादव को साइकिल चुनाव चिह्न देकर पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश की गई है। वहीं चार मुसलमानों को मैदान में उतार कर पार्टी में उनकी अहमियत का साफ संदेश भी दे दिया है। प्रत्याशियों में एक भी सामान्य जाति से नहीं है जबकि गाजियाबाद की सामान्य सीट पर नहीं है।