काशी तमिल संगमम् के प्रथम दल के सदस्यों के प्रयागराज आगमन पर उनका भव्य रूप से किया गया स्वागत
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काशी तमिल संगमम् के प्रथम दल के सदस्यों के प्रयागराज आगमन पर उनका भव्य रूप से किया गया स्वागत

 


काशी तमिल संगमम् के प्रथम दल के सदस्यों के प्रयागराज आगमन पर उनका भव्य रूप से किया गया स्वागत


संगम क्षेत्र के विहंगम एवं मनोहारी दृश्य देखकर अभिभूत हुए काशी तमिल संगमम् टीम के सदस्यगण


काशी तमिल संगमम् यात्रा उत्तर एवं दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का संगम-मा0 महापौर


काशी तमिल संगमम् यात्रा न केवल उत्तर और दक्षिण को जोड़ने, बल्कि जाति, भाषा, क्षेत्रवाद का समूल उन्मूलन करने का काम करेगी-मा0 महापौर


प्रयागराज 04 दिसम्बर

‘‘काशी तमिल संगमम्’’ कार्यक्रम के प्रथम दल के सदस्यों का गुरूवार को जनपद प्रयागराज आगमन पर महापौर श्री उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी एवं नगर मजिस्टेªट श्री विनोद कुमार सिंह के द्वारा तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर टीम के सदस्यों का भव्य रूप से स्वागत किया गया। प्रथम दल में लगभग 200 सदस्य प्रयागराज आयें। इस अवसर पर जगत तारन गर्ल्स इण्टर कालेज की छात्राओं के द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किए गए। श्री शिवांक द्विवेदी एवं उनकी टीम के सदस्यों द्वारा भजन गाकर लोगो को मंत्रमुग्ध किया। काशी तमिल संगमम् के सदस्यों को गंगा जल भेंट किया गया। इस अवसर पर मा0 महापौर जी के द्वारा दल के टीम लीडर को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय अभिलेखागार एवं राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय द्वारा अभिलेख एवं पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी, जिसमें कागज तथा ताड़पत्र के पौराणिक ग्रंथो के प्रदर्श विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।


इस अवसर पर मा0 महापौर श्री उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने मा0 प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह उनकी सोच का परिणाम है कि हमारे दक्षिण भारत के भाई-बहन उत्तर भारत में आकर भारत की साझा संस्कृति, परम्पराओं, मान्यताओं का अनुभव प्राप्त कर रहे है। आज उत्तर और दक्षिण का संगम इस पावन संगम तट पर देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस पावन धरा पर आप लोगो का आगमन निश्चित रूप से भारत के उज्ज्वल भविष्य का सूचक है। मा0 प्रधानमंत्री जी ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए जिस प्रकार से अपनी नीतियों के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने का कार्य किया है, वैसे ही किस तरह से समाज समरस हो, समतायुक्त, ममतायुक्त, राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत समाज का निर्माण हो, उसके लिए भी कौन-कौन से कार्य हो सकते है, उसको भी करने का कार्य किया है, उसी का परिणाम है यह काशी-तमिल संगमम् यात्रा। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम् यात्रा न केवल उत्तर और दक्षिण को जोड़ने का काम करेगी, बल्कि इस देश के अंदर जाति, भाषा, क्षेत्रवाद का समूल उन्मूलन करने का काम करेगी। उन्होंने यात्रा में सम्मिलित सभी लोगो का स्वागत व अभिनंदन किया।

 

काशी तमिल संगमम् टीम के सदस्यों को सुसज्जित नावों के द्वारा वीआईपी घाट से संगम ले जाकर मां गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के संगम का अवलोकन/स्नान कराया गया तथा तीर्थराज प्रयागराज के महत्व के बारे में बताया गया। संगम क्षेत्र के अद्भुत एवं मनोहारी दृश्य देखकर सदस्यगण मंत्रमुग्ध हो गये। सदस्यगणों के द्वारा संगम क्षेत्र में वीआईपी घाट पर बनाये गये सैण्ड आर्ट का अवलोकन किया गया। संगम क्षेत्र कार्यक्रम के पश्चात काशी तमिल संगमम् टीम के सदस्यगणों ने लेटे हनुमान जी का दर्शन एवं पूजन किए। इसके उपरांत टीम के सदस्य शंकर विमान मण्डपम मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर भी गये। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 प्रभाकर त्रिपाठी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर पाण्डुलिपि अधिकारी श्री गुलाम सरवर सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगणों के अलावा काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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