कोहरे के मौसम में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
गोंडा। जिले के बभनान से मसकनवा होते हुए मनकापुर–दर्जीकुआं तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-727जी की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है। भुजैनिया भार से आगे अमवा जंगल क्षेत्र में सड़क के किनारे कई स्थानों पर सड़क टूटकर गहरे गड्ढों में तब्दील हो गई है। सड़क की दोनों पटरियों पर जानलेवा कट बन गए हैं, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों की जान हर पल जोखिम में है। स्थानीय लोगों के अनुसार बभनान से मसकनवा होते हुए मनकापुर तक सड़क की लगभग पूरी पटरी कई जगहों पर क्षतिग्रस्त है। विशेषकर कोहरे के इस मौसम में दृश्यता कम होने के कारण थोड़ी-सी चूक भी बड़े हादसे में बदल सकती है। जंगल से सटे मोड़ों पर कहीं भी सूचनात्मक बोर्ड या चेतावनी संकेत नहीं लगाए गए हैं, जिससे खतरा और बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, अमवा से आगे मनोरमा नदी पर बने बगुलही घाट पुल के पास एप्रोच मार्ग पर सड़क टूटकर गड्ढे में तब्दील हो चुकी है, जहां कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना घट सकती है। इसके बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी कुंभकरणी नींद में सोए हुए नजर आ रहे हैं। स्थानीय नागरिकों और राहगीरों में इस स्थिति को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि क्या प्रशासन किसी जानलेवा हादसे का इंतजार कर रहा है? क्या किसी की जान जाने के बाद ही इन गड्ढों की मरम्मत होगी? अब सवाल यह उठता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग जैसी महत्वपूर्ण सड़क की यह दुर्दशा आखिर अधिकारियों की नजरों से अछूती क्यों बनी हुई है? यदि जल्द ही मरम्मत कार्य और सुरक्षा संकेत नहीं लगाए गए, तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। जनहित में मांग की जा रही है कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्सों की तत्काल मरम्मत कराई जाए, चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए, ताकि आम जनता की जान सुरक्षित रह सके।
