पहाड़ापुर मूर्ति चोरी: न चोर पकड़े गए, न मूर्तियां मिलीं- जिम्मेदारों की नाकामी सवालिया घेरे में
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पहाड़ापुर मूर्ति चोरी: न चोर पकड़े गए, न मूर्तियां मिलीं- जिम्मेदारों की नाकामी सवालिया घेरे में

 


गोंडा में अपराधियों का राज, पुलिस बेखबर!

पहाड़ापुर मूर्ति चोरी: न चोर पकड़े गए, न मूर्तियां मिलीं- जिम्मेदारों की नाकामी सवालिया घेरे में 


आखिर किसके भरोसे कानून-व्यवस्था? जिम्मेदार मौन


गोंडा। उत्तर प्रदेश सरकार “सुशासन” और “कानून का राज” का दावा करती है, लेकिन गोंडा जिले की हकीकत इन दावों की खुली पोल खोल रही है। कटरा बाजार थाना क्षेत्र के पहाड़ापुर स्थित राम-जानकी मंदिर से हुई मूर्ति चोरी को कई दिन बीत चुके हैं, मगर पुलिस आज तक अंधेरे में हाथ-पैर मारती नजर आ रही है। हैरानी की बात यह है कि बाइक सवार बदमाश बाजार क्षेत्र में खुलेआम मंदिर से भगवान की मूर्तियां उठा ले जाते हैं और पुलिस को भनक तक नहीं लगती। यह सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि पुलिस की नाक के नीचे कानून-व्यवस्था की सरेआम हत्या है।


“जांच जारी है” — पुलिस का घिसा-पिटा बहाना-


घटना के बाद पुलिस ने वही पुराना रटा-रटाया बयान दिया — “जांच जारी है”। लेकिन सवाल यह है कि किस दिशा में जांच? कितने संदिग्ध हिरासत में? कितनी टीमों का गठन? जवाब — सन्नाटा। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यदि यह घटना किसी रसूखदार इलाके में होती, तो अब तक आधा थाना लाइन में खड़ा कर दिया गया होता। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।


क्या गोंडा अपराधियों के लिए सेफ ज़ोन बन चुका है?


जब मंदिर भी सुरक्षित नहीं, जब भगवान की मूर्तियां भी चोरी हो जाएं और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहे तो आम आदमी किससे सुरक्षा की उम्मीद करे?


सीसीटीवी खंगालने तक सीमित रही कार्रवाई, न चोर पकड़े गए न मूर्तियां बरामद


घटना के बाद पुलिस ने मंदिर एवं आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने का दावा किया, लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग सका। पुलिस अब अन्य मार्गों और दुकानों पर लगे कैमरों की जांच की बात कह रही है, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के बयान घटना के तुरंत बाद ही चोरों की पहचान और दिशा की ओर इशारा कर चुके हैं।


लोगों का सीधा सवाल है- क्या अपराधियों को यह संदेश दे दिया गया है कि गोंडा में कानून सिर्फ नाम का है? क्या पुलिस का डर पूरी तरह खत्म हो चुका है? जनता में उबाल,भरोसा टूटा

घटना के बाद इलाके में आक्रोश है। लोग खुलकर कह रहे हैं कि “चोरों से ज्यादा डर अब पुलिस की नाकामी का है।”क्योंकि अगर इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस बेबस है।

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