प्रदीप बच्चन (ब्यूरो चीफ)
बलिया (यूपी) बैरिया तहसील क्षेत्र के विभिन्न गाँवों से लाखों किसानों ने शुक्रवार को एकजुट होकर मोथा तूफान व तुफानी बारिश से बर्बाद हुई फसलों का उचित मुआवजा दिलाए जाने की मांग को लेकर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। डॉ. विपुलेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में लगभग दस हज़ार किसान सोनबरसा महिला महाविद्यालय से एसडीएम कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे। बाकी और भी किसान इस मुहिम में शामिल हुए।
किसानों ने बताया कि मोथा तूफान और भारी बारिश ने मक्का, धान, केला, अरहर, गन्ना तथा टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, पत्तेदार सब्ज़ियाँ और मिर्च जैसी सभी सब्ज़ी फसलों को व्यापक नुकसान पहुँचाया है। इसके अलावा आम, अमरूद, पपीता जैसे फलदार पौधे भी गिरकर नष्ट हो गए, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है।
किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से सर्वे का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है, जबकि नुकसान इतना बड़ा है कि तत्काल मुआवजा जारी होना चाहिए। कुछ चुनिंदा किसानों को ही राहत मिली है, बाकी किसानों को अब तक कोई सहायता नहीं दी गई।
डॉ. विपुलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा,
“तूफानी बारिश ने किसानों की रीढ़ तोड़ दी है लेकिन मुआवजा देने में सरकार गंभीर नहीं दिख रही। यदि एक सप्ताह के भीतर सभी खेतों का सर्वे पूरा कर उचित मुआवजा नहीं दिया गया, तो हम लाखों किसानों के साथ अनशन को बाध्य होंगे।”
कई बुजुर्ग किसानों ने कहा कि ऐसा पहली बार महसूस हुआ है कि पूर्वांचल, विशेषकर बलिया व द्वाबा क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को किसी युवा नेतृत्व ने इतने बड़े स्तर पर उठाया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान अपनी एकता से सरकार को झुकाने में सक्षम हैं, लेकिन पूर्वांचल के किसानों की आवाज़ अब तक अनसुनी होती रही है। इस आंदोलन ने किसानों के भीतर उम्मीद जगाई है।
इस मौके पर सभी दल के संभ्रांत नेता किसान नौजवान लाखों लोग मौजूद रहे।
