कौशांबी: सरसवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में सोमवार को महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 12 महिलाओं की सर्जरी हुई। अव्यस्था का आलम यह रहा कि महिलाओं ने पहले जमीन पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार किया। सर्जरी के बाद उन्हें जमीन पर लिटा दिया गया। प्रसव कक्ष के बाहर फर्श पर महिलाओं ने काफी देर तक आराम किया। इस दौरान उनके सहयोग के लिए आईं महिलाओं ने उनकी संभाले रखा। महिलाओं के साथ आए उनके घर वालों ने व्यवस्था पर रोष व्यक्त किया। शिविर में तैनात डॉ. एमवी सिंह ने बताया कि कुल 12 महिलाओं की नसबंदी का ऑपरेशन किया गया।
सरसवां सीएचसी में कर्मचारियों की मनमानी और अनुशासनहीनता भी सामने आई है। फार्मासिस्ट आशुतोष सिंह ड्यूटी के समय कार्यालय की मेज पर जूते चढ़ाकर मोबाइल में वीडियो देखने में मशगूल रहे। इस दौरान दवा लेने पहुंचे तीन-चार मरीजों को उन्होंने टरका दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि डॉ. प्रसून जायसवाल की तैनाती के बाद से अस्पताल की व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है।
ग्रामीणों के अनुसार, पैरामेडिकल स्टाफ के आने-जाने का कोई निश्चित समय नहीं है। कर्मचारी मरीजों से अभद्रता करते हैं। अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतते हैं। पूर्व जिलाधिकारी के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान भी इस अस्पताल में गंभीर खामियां सामने आ चुकी हैं।
अस्पताल में किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हुई। महिलाओं की संख्या अधिक होने के कारण उनके लिए बाहर से गद्दे मगाएं गए। उन पर ही महिलाओं को लिटाया गया। यह फैसला ऑपरेशन के लिए आई महिलाओं की संख्या अधिक होने के कारण लिया गया था।
