कर्नलगंज तहसील में शराबियों, जुआरियों व दलालों का बोलबाला, जिम्मेदार बने मूकदर्शक
अवैध वसूली, नशाखोरी और दबंगई से तहसील की छवि धूमिल, आमजन बेहाल
कर्नलगंज (गोंडा)। कर्नलगंज तहसील परिसर इन दिनों सुर्खियों में है। तहसील परिसर में नशे, जुए और अवैध वसूली के बढ़ते मामलों ने आमजन के साथ-साथ न्यायिक कार्यों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक तहसील में शराबियों, जुआरियों, दलालों और दबंगों का वर्चस्व इस कदर बढ़ चुका है कि आम नागरिकों के साथ साथ वादकारियों का भी शोषण खुलेआम हो रहा है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं। बताया जा रहा है कि तहसील के दूसरे गेट के अंदर कुछ दबंग अधिवक्ता देर शाम तक शराब पार्टी करते हैं,जिससे परिसर में अक्सर हुड़दंग मचता रहता है। मुख्य गेट के भीतर खुलेआम जुंए की फड़ सजती है और नशेड़ियों का जमावड़ा बना रहता है। इससे पूरा परिसर नशाखोरी और अवैध गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है। रजिस्ट्री कार्यालय में जमीनों के बैनामे के दौरान विभिन्न मदों के नाम पर अवैध वसूली का सिलसिला भी लंबे समय से जारी है। बताया जा रहा है कि इसमें कुछ दबंग अधिवक्ताओं की मिलीभगत और हिस्सेदारी भी है। तहसीलदार न्यायालय तथा अन्य न्यायालयों के सामने बरामदे में कुछ अधिवक्ताओं ने दबंगई के बल पर तख्त, कुर्सी और मेज डालकर कब्जा जमा रखा है, जिससे वादकारियों को काफी परेशानी होती है। एसडीएम न्यायालय परिसर में भी जमानत प्रक्रिया के दौरान अवैध वसूली की शिकायतें आम हैं। स्टांप वेंडरों की दुकानों पर टिकट और अन्य कागजातों के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। इन सब कारनामों से तहसील की छवि धूमिल हो रही है और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। डीएम द्वारा पहले भी नाराजगी जताई जा चुकी है, परंतु हालात में कोई ठोस सुधार नहीं दिख रहा। सूत्रों के मुताबिक इन अवैध गतिविधियों में कुछ दबंग अधिवक्ताओं की सीधी संलिप्तता है, जो खुलासा होने के डर से प्रशासनिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि उच्चाधिकारियों द्वारा समय-समय पर सघन औचक निरीक्षण कराया जाए तो तहसील परिसर में व्याप्त नशाखोरी, अवैध वसूली और दबंगई के कई काले कारनामे उजागर हो सकते हैं।
