लखनऊ: 02 नवंबर, 2025
देव दीपावली (05 नवंबर 2025) पर काशी एक बार फिर प्रकाश, आस्था और संस्कृति के अनुपम संगम का साक्षी बनेगी। वाराणसी के मनोरम घाटों पर देव दीपावली समितियों तथा कुण्डों और तालाबों पर स्थानीय समितियों द्वारा एक साथ लाखों दीप जलाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, राज्य सरकार तथा महोत्सव समिति, वाराणसी द्वारा 10 लाख से अधिक मिट्टी के दीपों की व्यवस्था की गई है। दीपक, तेल एवं बाती आदि का वितरण राजघाट से प्रारंभ हो चुका है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
मंत्री ने बताया कि गंगा के घाटों और उसके पार के तटों को सम्मिलित करते हुए दीप पर्व कार्यक्रम के लिए कुल 20 सेक्टर बनाए गए हैं। इनमें प्रत्येक के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं ताकि व्यवस्थाओं में कोई कमी न रहे।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद और डमरू की गूंज से होगी, जो भगवान शिव की उपस्थिति और काशी की दिव्य ऊर्जा का प्रतीक होगी। शो में भगवान शिव-पार्वती विवाह का दृश्य, भगवान विष्णु के चक्र पुष्करिणी कुंड की कथा, भगवान बुद्ध के धर्माेपदेश, संत कबीर और गोस्वामी तुलसीदास की भक्ति परंपरा तथा आधुनिक युग में महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय की गौरवशाली यात्रा को आकर्षक दृश्यों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। यह पूरा शो काशी की आत्मा, उसकी परंपरा और आध्यात्मिकता को एक सूत्र में पिरोते हुए यह संदेश देगा कि कण-कण में काशी और रस-रस में बनारस बसता है।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि देव दीपावली की पावन संध्या पर वाराणसी का आकाश रंग-बिरंगी रोशनी और आस्था के प्रकाश से जगमगाने वाला है। श्रद्धालु और पर्यटक इस अवसर पर मनोरम दृश्य के साक्षी बनेंगे, जब 25 मिनट का भव्य श्काशी-कथाश् 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग एवं लेजर शो का आयोजन किया जाएगा। इस अद्भुत प्रस्तुति में काशी के प्राचीन गौरव, गंगा की महिमा और भगवान विश्वनाथ की नगरी की आस्था को आधुनिक तकनीक के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
संयुक्त निदेशक पर्यटन, दिनेश कुमार ने बताया कि इस भव्य कार्यक्रम में 8 मिनट का विशेष लेजर शो भी शामिल होगा, जो दर्शकों को दिव्यता और आधुनिकता के संगम का अनुभव कराएगा। पर्यटकों के लिए 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो का निःशुल्क प्रदर्शन तीन बार- रात्रि 08ः15, 09ः00 और 09ः35 बजे किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस दृश्य का आनंद ले सकें। इसके साथ ही श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने रात्रि 08ः00 बजे 10 मिनट की “ग्रीन आतिशबाजी” का निःशुल्क आयोजन भी किया जाएगा, जो पर्यावरण के अनुकूल होते हुए भी आकाश को दिव्य रंगों से भर देगी। इस पूरे आयोजन का उद्देश्य काशी की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक महत्व को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करना है, जिससे देव दीपावली की रात एक अविस्मरणीय अनुभव बन सके।
