लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल का स्वर्ण जयन्ती वर्ष आई ई आर टी कालेज प्रयागराज में ज्ञान आरोग्य चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में मनाया गया। इस अवसर पर मोबाइल एडिक्शन तथा योग का महत्व विषयक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। साथ ही लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ विमल मिश्रा, निदेशक (आई ई आर टी कालेज ) प्रयागराज ने दीप प्रज्वलित कर किया । तत्पश्चात लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के व्यक्तित्व और कार्यों को याद किया गया ।
निदेशक डॉ विमल मिश्रा ने भारत के विशेषज्ञ चिकित्सकों को चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रशस्ति पत्र आदि के साथ सम्मानित किया। जिनमें मुख्य रूप से डॉ जी के शांगलू डॉ राजेश श्रीवास्तव डॉ अखिल निगम डॉ सुनील कुमार पटेल डॉ काशीराम डॉ संजय सिंह डॉ श्री भगवान केशरी डॉ कपूर केसरवानी डॉ एस के खुराना अविनाश कुमार केसरवानी आरती यादव आदि रहे।
योग प्रतियोगिता मे बकासन, शीर्षासन, धनुरासन, मयूरासन , शीर्षासन, चक्रासन आदि आसन हुए। प्रतियोगिता मे योगाभ्यास केंद्र के प्रशिक्षु उज्वल कुमार (प्रथम) को स्वर्ण पदक , शगुन सिंह (द्वितीय) को रजत पदक , अनुज कुमार (तृतीय) को कास्यं पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया।
विशिष्ट अतिथि आइडियल होम्योपैथिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय सदस्य डॉ भंवर सिंह ने मोबाइल एडिक्शन विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि मोबाइल की लत ने पारिवारिक संबंधों और स्वास्थ्य दोनों पर गहरा प्रभाव डाला है। पहले जहाँ परिवार के सदस्य एक-दूसरे से बातचीत में समय बिताते थे, अब सभी अपने-अपने मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, जिससे आपसी समझ और स्नेह कम हो गया है। लगातार मोबाइल उपयोग से आँखों में दर्द, सिरदर्द, नींद की कमी और गर्दन की तकलीफ जैसी बीमारियाँ बढ़ रही हैं। मानसिक रूप से भी व्यक्ति तनाव, चिंता और अवसाद का शिकार हो रहा है। परिवारिक जीवन की गर्माहट और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए मोबाइल के उपयोग पर नियंत्रण और वास्तविक संवाद को प्राथमिकता देना आवश्यक है। सबसे खतरनाक प्रभाव सड़कों पर देखने को मिलता है, जहाँ लोग मोबाइल पर बात करते या संदेश भेजते हुए हादसों का शिकार हो जाते हैं। इस लापरवाही से कई जानें चली जाती हैं। इसलिए आवश्यक है कि मोबाइल का उपयोग संयमित और जिम्मेदारी से किया जाए।
मुख्य अतिथि डॉ विमल मिश्रा निदेशक आई ई आर टी कालेज ने कहा कि आज का युवा , सरदार वल्लभभाई पटेल के कार्यों से मार्गदर्शन प्राप्त कर रहा है विकसित भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहा है। युवाओं को भी अपनी-अपनी बात कहने का अवसर प्रदान किया गया।
आयोजन समिति के संयोजक योगाचार्य कौशल किशोर मिश्रा ने कहा कि , योग भारत की प्राचीन देन है, जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन का मार्ग दिखाता है। नियमित योग अभ्यास से शारीरिक लचीलापन बढ़ता है, रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और मन को शांति मिलती है। प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति तनाव, चिंता और अवसाद से मुक्त होकर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है। योग न केवल स्वास्थ्य का साधन है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है जो अनुशासन, एकाग्रता और आत्म-जागरूकता सिखाती है। आज विश्वभर में योग को स्वस्थ और संतुलित जीवन का आधार माना जा रहा है।
आयोजन समिति के सहसंयोजक डॉ कपूर चन्द्र केशरवानी ने कार्यक्रम में आए हुए सभी आगंतुक अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया ।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के द्वारा किया गया।
