गोंडा। भारत सरकार द्वारा उच्च शिक्षा को सुगम बनाने के लिए शुरू किया गया समर्थ पोर्टल ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के लिए चुनौती साबित हो रहा है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में तकनीकी जटिलताओं के कारण विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अधिकांश लोग कीपैड फोन का उपयोग करते हैं, जिनमें इंटरनेट या जीमेल जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में समर्थ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक वेरिफिकेशन कोड जीमेल पर भेजा जाता है,जिससे ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए प्रक्रिया जटिल हो जाती है।कई मामलों में साइबर कैफे या कंप्यूटर दुकान संचालक मनमाने ढंग से जीमेल आईडी बना देते हैं, जिसका पासवर्ड छात्रों या अभिभावकों को नहीं मिलता। इससे वेरिफिकेशन प्रक्रिया अधूरी रह जाती है और छात्र परेशान होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी और तकनीकी जानकारी का अभाव इस समस्या को और गंभीर बनाता है। छात्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया उनके लिए अनावश्यक बोझ बन रही है।इस समस्या के समाधान के लिए मांग उठ रही है कि वेरिफिकेशन कोड को जीमेल की बजाय सीधे मोबाइल नंबर पर भेजा जाए। साथ ही, एक ही परिवार के दो या अधिक छात्रों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक ही मोबाइल नंबर को जोड़ने की सुविधा दी जाए। इन बदलावों से ग्रामीण विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी और समर्थ पोर्टल की उपयोगिता बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों की तकनीकी सीमाओं को ध्यान में रखकर इस प्रक्रिया को सरल करना चाहिए। इससे उच्च शिक्षा में समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण छात्रों को समान अवसर प्राप्त होंगे।