विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विविध कार्यक्रमों का किया गया आयोजन
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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विविध कार्यक्रमों का किया गया आयोजन


 विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विविध कार्यक्रमों का किया गया आयोजन

अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क में विभाजन विभीषिका से सम्बंधित लगायी गयी अभिलेख प्रदर्शनी

विभाजन विभीषिका की स्मृति में उपस्थित लोगो के द्वारा रखा गया दो मिनट का मौन

जिलाधिकारी ने विभाजित एवं विस्थापित पारिवारीजनों, कवियों, अधिकारियों को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेंटकर किया सम्मानित

विविधता में एकता ही हमारी पहचान-जिलाधिकारी

     विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय अभिलेखागार संस्कृति विभाग द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आधारित अभिलेख प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी व अन्य उपस्थित लोगो के द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया तथा उसके बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रदर्शनी के एक प्रदर्श में प्रधानमंत्री जी का वक्तव्य है कि- ‘‘देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।’’ इस प्रदर्शनी में विभाजन विभीषिका को सजीव करने वाले चित्रों को प्रदर्शित किया गया है।

      हिंदुस्तानी अकादमी, वाणी प्रकाशन, राजकमल समूह प्रकाशन एवं साहित्य भंडार द्वारा विभाजन विभीषिका से संबंधित पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई। विभाजन विभीषिका पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रयागराज जनपद के ख्याति प्राप्त कवियों जितेंद्र मिश्रा, आभा मधुर श्रीवास्तव, शैलेंद्र मधुर, शाहिद सफऱ, मनमोहन सिंह तन्हा, दिनेश पांडे नजर इलाहाबादी द्वारा राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत विभीषिका की त्रासदी पर आधारित काव्य पाठ किया गया।

     इस अवसर पर पीड़ित विस्थापित परिवारों यथा सिंधी समाज, पंजाबी समाज, सिख समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों के द्वारा विभाजन के समय उनके पूर्वजों द्वारा झेली गई यातनाओं का मार्मिक वर्णन प्रस्तुत किया गया। विस्थापित परिवारों से आये सिंधी समाज के उमाशंकर अदाणी ने कहा कि हम भारत में शरणार्थी नहीं है, इंदर मध्यान्ह साहब ने कहा कि विभाजन की विभीषिका का दर्द सहते हुए हमने धैर्य पूर्वक अपना एवं अपने समाज का विकास किया। सिख समाज से श्री राणा चावला ने कहा कि विभाजन विभीषिका के दर्द को याद कर उसे एक राजनैतिक घटना मानते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

      जिलाधिकारी श्री मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि आज का दिवस हम इसलिए मना रहे हैं क्योंकि हमें अपने इतिहास को कभी भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि विविधता में एकता एवं भारतीयता ही हमारी पहचान है। इस अवसर पर जिलाधिकारी के द्वारा विभाजित एवं विस्थापित पारिवारीजनों, कवियों, अधिकारियों को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती हर्षिका सिंह भी उपस्थिति रही।

      कार्यक्रम के अंत में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की याद में सभी उपस्थित लोगो के द्वारा दो मिनट का मौन रखा गया। सहायक नोडल अधिकारी/पांडुलिपि अधिकारी गुलाम सरवर के द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर प्रभाकर त्रिपाठी के द्वारा किया गया।

      इस अवसर पर श्री मनोज कुशवाहा जी, श्री अश्विनी पटेल जी, आर.पी. सिंह बघेल जी, परियोजना निदेशक, डीसी मनरेगा महोदय, जिला विकास अधिकारी महोदय,सिविल डिफेंस के श्री अनिल कुमार गुप्ता अन्नू भैया, राकेश तिवारी नीरज मिश्रा, डॉ सुभाष चंद्र यादव, श्री राकेश कुमार वर्मा, हरिश्चंद्र दुबे अजय कुमार मौर्य,कार्यक्रम अधिकारी दिनेश सिंह, संगीता सिंह, राजकीय इंटर कॉलेज केसरी बंसराज जी, निवेदिता जी पूनम जी, गौतम जी, अजय सिंह जी सहित जनपद के प्रमुख विद्यालयों के बच्चों सहित शिक्षक एवं प्रधानाचार्य आदि की उपस्थिति रही।

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