प्रमुख सचिव पशुधन विभाग की अध्यक्षता में पशुपालन विभाग की मंडलीय समीक्षा बैठक सम्पन्न
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प्रमुख सचिव पशुधन विभाग की अध्यक्षता में पशुपालन विभाग की मंडलीय समीक्षा बैठक सम्पन्न



 प्रमुख सचिव पशुधन विभाग की अध्यक्षता में पशुपालन विभाग की मंडलीय समीक्षा बैठक सम्पन्न


मण्डल के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों को अभियान चलाकर पशु मालिकों से अपने पशुओं को टैग लगवाने के बारे में जागरूक किये जाने के दिए निर्देश


प्रमुख सचिव, पशुधन, दुग्ध एवं मत्स्य विभाग, उ०प्र० शासन श्री अमित घोष की अध्यक्षता व निदेशक, प्रशासन एवं विकास, डा० योगेन्द्र सिंह पवार तथा निदेशक, रोग नियन्त्रण एवं प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग, उ०प्र० डा० राजीव सक्सेना की उपस्थिति में दिनांक 5.08.2025 को जनपद प्रयागराज के शान्तिपुरम फाफामऊ में स्थित सी०आर०पी०एफ० के सभागार में पशुपालन विभाग की मंडलीय समीक्षा बैठक आहुत की गयी। शासन की प्राथमिकता के 17 विन्दुओं पर आयोजित समीक्षा बैठक में निराश्रित गोवंश संरक्षण, समस्त गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का टेगिंग, वर्तमान में प्रदेश स्तर पर चलाये जा रहे एफ०एम०डी० सी०पी० कार्यक्रम (खुरपका मुंहपका टीकाकरण) की प्रगति की समीक्षा, कृत्रिम गर्भाधान की प्रगति एवं भारत पशुधन रैप पर डाटा अपलोडिंग की समीक्षा आदि प्रमुख बिंदु रहे। भारत सरकार की तरफ से चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत पालतू पशुओं जैसे कि गाय, भैस, भेड़, बकरी आदि की टैगिंग एवं टैग नं० सहित पशु का विवरण भारत पशुधन पैप पर अपलोड किया जाना पूर्ण रूप से अनिवार्य है। प्रमुख सचिव महोदय द्वारा बैठक में उपस्थित प्रयागराज मंडल अपर निदेशक ग्रेड 2 डा0 राजीव वशिष्ठ व सभी चार जनपदों, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी एवं फतेहपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों तथा अन्य अधिकारियों को अभियान चलाकर पशु मालिकों से अपने पशुओं को टैग लगवाने एवं भारत पशुधन पर लाइव अपलोडिंग किये जाने के बारे में जागरूक किये जाने का निर्देश दिया गया। पशु पालन विभाग के निदेशक डा० योगेन्द्र सिंह पवार द्वारा पशु में टैग लगवाने के फायदे जैसे कि पशु में कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण का विवरण आदि आनलाइन हो जाने के साथ ही टैग नंबर से किसी भी पशु का विवरण घर बैठे प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही यह भी बताया गया कि दैवीय आपदा (बिजली, बज्रपात आदि) के अन्तर्गत यदि किसी पशु की मृत्यु होती है तो आपदा सहायता धनराशि तभी देय होगी जब कि पशु टैग्ड हों। बिना टैग के पशुओं को किसी भी प्रकार की सहायता देय नहीं होगी।

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