राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान के तहत ऐसे प्रकरण जिनमें सुलह समझौता के आधार पर समाधान की संभावना अधिक हो, को कराए निस्तारण
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राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान के तहत ऐसे प्रकरण जिनमें सुलह समझौता के आधार पर समाधान की संभावना अधिक हो, को कराए निस्तारण



राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान के तहत ऐसे प्रकरण जिनमें सुलह समझौता के आधार पर समाधान की संभावना अधिक हो, को कराए निस्तारण


30 सितंबर तक चलेगा मध्यस्थता अभियान


सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने आमजन एवं विधि व्यवसायियों से माह जुलाई के अंदर प्रार्थना पत्र जमा करा कर इस अभियान का लाभ उठाने की अपील की


उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान के तहत मध्यस्थता के माध्यम से न्यायालय में लंबित ऐसे प्रकरण जिसमें सुलह समझौता के आधार पर समाधान की संभावना अधिक हो तो ऐसे प्रकरणों को उक्त अभियान के अंतर्गत मध्यस्थता के माध्यम से सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण कराया जाना है जिससे वादकारियों को त्वरित न्याय मिल सकेगा व उनके धन व समय की भी बचत होगी। श्री दिनेश कुमार गौतम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रयागराज द्वारा बताया गया कि यह अभियान 30 सितंबर 2025 तक चलाया जाएगा एवं इस अभियान के अंतर्गत न्यायालय में लंबित वैवाहिक विवाद मामले, मोटर दुर्घटना दावे के मामले , घरेलू हिंसा के मामले, चेक बाउंस के मामले, वाणिज्यिक विवाद के मामले , लघु आपराधिक मामले, उपभोक्ता विभाग के मामले, ऋण वसूली के प्रकरण, संपत्ति के बंटवारे से संबंधित मामले, भूमि अधिग्रहण के मामले वह अन्य उपयुक्त दीवानी प्रकरणों को शामिल किया गया है। मध्यस्थता का मुख्य उद्देश्य विवादों को आपसी सहमति से सुलझाना है, बिना अदालत जाये। मध्यस्थता का प्राथमिक लक्ष्य विवादो को आपसी सहमति से हल करना, दोनो पक्षों को एक-दूसरे की बात सुनने और समझने में मदद करना होता है। मध्यस्थता, पक्षो के बीच संबंधों की बनाए रखने में मदद करती है एवं पक्षों को अपने विवादों को स्वयं हल करने का अधिकार देती है। मध्यस्थता की प्रक्रिया आमतौर पर गोपनीय होती है, जिसका मतलब है कि जो बातें मध्यस्थता में कही जाती है, वे सार्वजनिक नहीं होती है। मध्यस्थता अदालत की कार्यवाही की तुलना में कम खर्चीली होती है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आमजन से एवं विधि व्यवसायियों से अपील है कि वे अपने-अपने प्रार्थना पत्र संबंधित न्यायालय में माह जुलाई 2025 के अंदर जमा करा कर इस अभियान का लाभ उठाकर एवं अपने मामलों का निस्तारण मध्यस्थता के आधार पर करा सकते हैं। यह जानकारी श्री दिनेश कुमार गौतम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार प्रयागराज द्वारा प्रदान की गई।

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