महिला सशक्तिकरण, ग्राम्य विकास की योजनाओं व अटल भूजल योजना के बारे मे प्रतिभागियों को दिया गया प्रशिक्षण।
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महिला सशक्तिकरण, ग्राम्य विकास की योजनाओं व अटल भूजल योजना के बारे मे प्रतिभागियों को दिया गया प्रशिक्षण।



लखनऊ:31,जुलाई 2025

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब, लखनऊ में विभिन्न सरकारी, अर्धसरकारी विभाग /संस्थाओ के अधिकारियों व कर्मचारियों व रचनात्मक कार्यों से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें और अधिक दक्ष व सक्षम बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा संस्थान के महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू के संरक्षण व प्र0अपर निदेशक सुबोध दीक्षित के मार्ग निर्देशन में संस्थान प्रांगण के अन्तर्गत संचालित हो रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, क्रमशः दिनांक 28 से 30 जुलाई, तक जनपद व ब्लाक स्तरीय अधिकारियों हेतु, ग्राम्य विकास की योजनाओं के सम्बन्ध मे तीन दिवसीय राज्य स्तरीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, 30-31 जुलाई तक अटल भू-जल योजनान्तर्गत दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण ( टी०ओ०टी०) कार्यक्रम चयनित जनपदों के सम्बन्धित अधिकारियों हेतु तथा 29-31 जुलाई की अवधि में, प्रोग्रेसिव महिलाओं तथा महिला स्वयं सहायता समूह की पदाधिकारियों हेतु राज्य स्तरीय महिला सशक्तिकरण विषयक तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

  

 कार्यक्रमों के समापन अवसर पर मिशन कर्मयोगी अन्तर्गत दक्षता प्रदान करने हेतु संस्थान के महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता में राज्य व राष्ट्रीय स्तरीय विभिन्न विशिष्ट अतिथि वार्ताकारों यथा - दिव्य मिताली दास , आध्यात्मिक गुरु, इस्कॉन संगठन, डा० किशन वीर सिंह शाक्य, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं पूर्व वरिष्ठ सदस्य लोक सेवा आयोग उ०प्र० तथा वरूण विद्यार्थी, संस्थापक अध्यक्ष मानवोदय सेवा संस्थान, लखनऊ द्वारा प्रासंगिक, महत्वपूर्ण व उपयोगी विचारों द्वारा 198 प्रतिभागियों को अभिप्रेरित किया गया।

       अध्यक्षीय उद्बोधन के अन्तर्गत संस्थान के महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू द्वारा प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि आप सभी सरकार द्वारा प्रदत्त कार्यों को निष्ठा व ईमानदारी से पूर्ण करें तथा कर्तव्यों का निर्वहन किस अभिवृति के साथ किया जाता है यह विषय अत्यधिक महत्वपूर्ण है। " श्री मद् भगवतगीता के कर्म सिद्धान्त " के द्वारा यह प्रतिपादित होता है कि विश्व में किये गये कार्य और अच्छे कार्य कभी भी व्यर्थ नहीं जाते।‌ अन्तिम लक्ष्य से अवगत होते हुए कर्म को अनासक्त रहते तथा फल की चिन्ता न करते हुए कार्य करना श्रेष्ठ बताया गया है।

     इस कार्यक्रम का संचालन डा०नवीन कुमार सिन्हा द्वारा किया गया तथा संस्थान के उप-निदेशक डा० बी एल मौर्य द्वारा सभी प्रतिभागियों, विशिष्ट अतिथि वार्ताकारों , महानिदेशक संस्थान तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन एवं प्रबंधन में, प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से लगे सभी अधिकारियों/कार्मिकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

  इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन व प्रबंधन के दृष्टिगत संस्थान की उप निदेशक डा० नीरजा गुप्ता, सरिता गुप्ता, सहायक निदेशक डॉ राजकिशोर यादव , डा० सीमा राठौर, डा० सत्येन्द्र कुमार गुप्ता, विषय- विशेषज्ञ डा० उदय प्रताप सिंह, यशवीर सिंह, संकाय सदस्य मोहित यादव, उपेन्द्र कुमार दूबे तथा मोहम्मद शहंशाह का उल्लेखनीय योगदान रहा है। सत्र निदेशक डा० गरिमा सिंह का कम्यूनिकेशन व लाइजनिंग के दृष्टिगत महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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