पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर का जीवन शौर्य, साधना, सेवा, समर्पण और सादगी का अप्रतिम उदाहरण है। - केशव प्रसाद मौर्य
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पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर का जीवन शौर्य, साधना, सेवा, समर्पण और सादगी का अप्रतिम उदाहरण है। - केशव प्रसाद मौर्य


लखनऊ : 31मई 2025

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पुण्यश्लोक लोकमाता रानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जन्म जयन्ती के अवसर पर अपने कैम्प कार्यालय 7-कालिदास मार्ग पर लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये।


इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पुण्यश्लोक लोकमाता रानी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन शौर्य, साधना, सेवा, समर्पण और सादगी का अप्रतिम उदाहरण है।त्याग की प्रतिमूर्ति, संस्कृति की संरक्षिका पुण्यश्लोक ‘लोकमाता’ अहिल्याबाई होल्कर जी की त्रिशताब्दी जन्म जयंती पर उन्हें नमन करते हुये श्री मौर्य ने कहा कि अपने विलक्षण प्रशासनिक कौशल, दूरदर्शिता और लोक कल्याणकारी दृष्टिकोण से उन्होंने ‘राजसत्ता’ को बनाया जनसेवा का माध्यम और स्वयं को जनमानस की ‘लोकमाता’ के रूप में प्रतिष्ठित किया। देशभर में काशी विश्वनाथ से लेकर के अनेकानेक तीर्थ स्थलों के पुनरुद्धार, मंदिरों के निर्माण और भारतीय संस्कृति के संरक्षण में उनका योगदान अविस्मरणीय है।

तीन सौ वर्ष पूर्व भारत में एक ऐसी कन्या ने जन्म लिया जो आगे चलकर पूरे देश के लिए आदर्श के रूप में सामने आईं और हम सबके लिए प्रेरणा का केंद्र बनीं। 


तीन सौ वर्ष पूर्व भारत में एक ऐसी कन्या ने जन्म लिया, जो आगे चलकर पूरे देश के लिए आदर्श के रूप में सामने आईं और हम सबके लिए प्रेरणा का केंद्र बनीं। काशी विश्वनाथ मंदिर का जो आज भव्य रूप है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी कारिडोर का निर्माण कराया है। उसके मूल रूप को सजाने का कार्य अहिल्याबाई होल्कर ने किया था।

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