प्रयागराज: मत्स्य पालकों के साथ मंडलीय संगोष्ठी का किया गया आयोजन
मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दी जा सकती है मजबूती
मा0 मंत्री जी ने मत्स्य पालकों से कहा, सरकारी योजनाओं का उठाये अधिकतम लाभ
मछुआ समाज के अधिकार अब सिर्फ सपना नहीं रहेंगे, बल्कि योजनाओं के ज़रिए हो रहे हैं साकार
मछली उत्पादन, मत्स्य प्रसंस्करण और व्यवसायिक उद्यमिता के माध्यम से समाज के युवाओं से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़नें का किया आह्वाहन
प्रयागराज सहित पूरे पूर्वांचल के मछुआ समाज का पुश्तैनी हक अब उन्हें मिल रहा है वापस-डॉ. संजय कुमार निषाद
मा0 मंत्री, मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश शासन डॉ0 संजय कुमार निषाद जी की अध्यक्षता में सोमवार को ज़िला पंचायत सभागार मंडलीय मत्स्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मा0 मंत्री जी के द्वारा दीप प्रज्जवलन व भगवान राम व भगवान निषादराज गुहा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस संगोष्ठी में प्रयागराज मंडल के सैकड़ों मत्स्य पालकों ने भाग लिया। संगोष्ठी में मा0 मंत्री जी ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और सभी लाभार्थियों से योजनाओं का लाभ लेने की अपील की।
मा0 मंत्री जी ने कहा कि “मछुआ समाज का समुचित विकास सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाकर ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सकती है।” इस अवसर पर मा0 मंत्री जी ने विभागीय योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मत्स्य बीमा योजना, मत्स्य ऋण योजना और अनुदानित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित मत्स्य पालकों से कहा कि वे सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि मछुआ समाज को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार ने इन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की ठोस पहल की है। उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से दिया जाए। उन्होंने कहा कि “मछुआ समाज के ऐतिहासिक हक और अधिकार अब सिर्फ सपना नहीं रहेंगे, बल्कि योजनाओं के ज़रिए साकार होंगे। मा0 मंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना समेत अनेक राज्यीय योजनाएं आज इस समाज के लिए शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि का स्रोत बन रही हैं।
मा0 मंत्री जी ने मत्स्य गोष्ठी में प्रमुख योजनाओं प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, नए तालाबों की खुदाई और निर्माण पर अनुदान, मत्स्य बीज, चारा, और उपकरणों की उपलब्धता, बायोफ्लॉक, आरएएस जैसी आधुनिक पद्धतियों पर अनुदान, मत्स्य कृषकों के लिए बीमा योजना, प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना से होने वाली क्षति पर सहायता, मछुआरों की मृत्यु या दिव्यांगता पर राहत राशि, मछुआरों के बच्चों को छात्रवृत्ति योजना, उच्च शिक्षा व तकनीकी प्रशिक्षण हेतु आर्थिक सहायता, मत्स्य विज्ञान में डिग्री व डिप्लोमा के लिए प्रोत्साहन, मत्स्य व्यवसाय हेतु ऋण और सब्सिडी, नाव, जाल, आइसबॉक्स, ट्रक इत्यादि के लिए रियायती ऋण,सरकारी स्तर पर 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी, जलाशयों पर निषाद समुदाय की भागीदारी, स्थानीय निषाद/मछुआ समाज को प्राथमिकता, संविदा, पट्टा और ठेका प्रक्रिया में पारदर्शिता और आरक्षण, मत्स्य सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास, निष्क्रिय समितियों को दोबारा सक्रिय करना एवं महिलाओं की सहभागिता को बढ़ाये जाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
मा0 मंत्री जी ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल प्रयागराज का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि जहां धार्मिक दृष्टि से पवित्र है, वहीं यह मछुआ समाज की परंपरागत आजीविका और अस्मिता का केंद्र भी है। उन्होंने घोषणा की कि अब यह समाज ठेकेदार और दलाल संस्कृति से आज़ाद होकर, खुद अपने अधिकारों का संचालन करेगा। मा0 मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार मछुआ समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाओं का विकेन्द्रीकरण कर रही है, ताकि लाभ सीधे समुदाय तक पहुँचे और उनका सशक्तिकरण हो। कार्यक्रम के अंत में मा0 मंत्री जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि मछुआ समाज अपने अधिकारों को समझे, जागरूक बने और स्वयं नेतृत्व करे। उन्होंने समाज के युवाओं से आह्वान किया कि वे मछली उत्पादन, मत्स्य प्रसंस्करण और व्यवसायिक उद्यमिता के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ें।