मासूम से दुष्कर्म: हिंदू बच्चियों को ही शिकार बनाता है अलाउद्दीन, एक साल पहले जेल से छूटा था; फिर की गंदी हरकत
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मासूम से दुष्कर्म: हिंदू बच्चियों को ही शिकार बनाता है अलाउद्दीन, एक साल पहले जेल से छूटा था; फिर की गंदी हरकत



यूपी के श्रावस्ती में मासूम से दुष्कर्म के मामले में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। आरोपी अलाउद्दीन की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी वह एक बच्ची को अपनी हवश का शिकार बना चुका है। उस मामले में उसे फांसी की सजा भी हुई थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में उसे बरी कर दिया था। इससे पहले उसने एक और मासूम से दुष्कर्म का प्रयास किया। लेकिन, इसमें सफल नहीं हो सका। अब यह तीसरी बार उसने मासूम को अपनी हवश का शिकार बनाया है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि आरोपी अलाउद्दीन हमेशा हिंदू बच्चियों को ही अपना शिकार बनाता है। अब पुलिस ने उसे इकौना थाना क्षेत्र के अंधरपुरवा घाट पुल के निकट मुठभेड़ में गिरफ्तार किया है। बदहवास हालत में पड़ी मिली थी मासूम

दरअसल पूरा मामला इकौना थाना क्षेत्र के एक गांव का है। गांव निवासी सात वर्षीय बालिका शुक्रवार की रात अपने घर के बाहर खड़ी थी। इसी समय आरोपी उसे ले गया। इसके बाद दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। कुछ देर बाद बालिका थाना क्षेत्र के मोहनीपुर के निकट बदहवास हालत में पड़ी मिली। लखनऊ में उसका इलाज चल रहा है। 

बालिका के अपहरण की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। एसओजी टीम प्रभारी नितिन यादव अपनी टीम और इकौना पुलिस टीम के साथ आरोपी की तलाश कर रहे थे। रविवार की रात अंधरपुरवा घाट पुल के पास से एनकाउंटर के बाद आरोपी छोटकऊ उर्फ अलाउद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। वह क्षेत्र के ही सेमगढ़ा के मजरा बेहननपुरवा गांव का रहने वाला है। 

खेत में उसके साथ दुष्कर्म करके हत्या करने का आरोप

पकड़े आरोपी छोटकऊ उर्फ अलाउद्दीन की हिस्ट्रीशीट चेक की गई तो पुलिस की आंखें फटी रह गईं। पता चला कि अलाउद्दीन पर आठ मार्च 2012 को थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी छह वर्षीय बालिका का अपहरण करके गन्ने के खेत में उसके साथ दुष्कर्म करके उसकी हत्या करने का आरोप था। 

मामले में जिला न्यायालय ने 29 मार्च 2014 को हत्या व दुष्कर्म के मामले में उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। तीन अक्टूबर 2022 को हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा पर मुहर लगा दी। इसके बाद मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुंची। सर्वोच्च न्यायालय ने 29 सितंबर 2022 को उसे दोषमुक्त करार दिया। उसे केस से बरी कर दिया। 

सात वर्षीय बालिका को हवश का शिकार बनाया

इससे पहले वर्ष 2011 में आरोपी ने एक 10 वर्षीय बालिका को गंदी नीयत से दबोचा था। उसने उसके साथ छेड़छाड़ की। हालांकि वह अपने इरादों पर कामयाब नहीं हो सका था। मामले में उसे 10 साल की सजा हुई थी। वह अबी एक साल पहले ही जेल से छूटकर घर आया था। अब उसने एक बार फिर एक सात वर्षीय बालिका को अपनी हवश का शिकार बनाया।     

गिरफ्तार आरोपी छोटकऊ उर्फ अलाउद्दीन पेशेवर अपराधी है। इसने तीन बच्चियों को अपनी हवश का शिकार बनाने की कोशिश की। इसमें दो बार वह सफल भी रहा। एक बच्ची की तो हत्या कर हो चुकी है। इन घटनाओं में ध्यान देने वाली बातें यह हैं कि आरोपी 10 वर्ष से कम आयु की बच्चियों को निशाना बनाता है। दूसरा यह कि वह सिर्फ हिंदू बच्चियों को ही शिकार बनाता है।   

एसपी घनश्याम चौरसिया ने बताया कि हमारा प्रयास होगा कि हम न्यायालय में पैरवी करके आरोपी को दो महीने के अंदर ही सख्त से सख्त सजा दिला सकें। इसके लिए एएसपी प्रवीण कुमार यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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